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बेल्हा के डा. दिनेश विश्वकर्मा ने विश्व के फलक पर बनाई पहचान


बेल्हा के डा. दिनेश विश्वकर्मा ने विश्व के फलक पर बनाई पहचान
-अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की ओर से जारी होने वाली दुनिया के शीर्ष दो फीसदी वैज्ञानिकों की सूची में पांचवीं बार आया नाम
कुंडा। बेल्हा के प्रोफेसर डा. दिनेश विश्वकर्मा ने एक बार फिर से दुनिया भर में अपना नाम रोशन किया है। अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की ओर से जारी होने वाली दुनिया के शीर्ष दो फीसदी वैज्ञानिकों की सूची में स्थान बनाया है। पिछले पांच वर्षों से लगातार उनका नाम इस सूची में शामिल हो रहा है।
प्रतापगढ़ जिले के मांधाता विकासखंड के चमरुपुर पठान गांव के मूल निवासी और दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) के प्रोफेसर डा. दिनेश कुमार विश्वकर्मा ने एक बार फिर वैश्विक स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। अमेरिका के प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और एल्सेवियर की हालिया रिपोर्ट में उन्हें लगातार पांचवें वर्ष दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया गया है। स्टैनफोर्ड- एल्सेवियर डेटाबेस वैज्ञानिकों का मूल्यांकन साइटेशन इंडेक्स, करियर-लंबे प्रभाव और हालिया उत्पादकता के आधार पर करता है। डॉ. दिनेश विश्वकर्मा का लगातार पांच वर्षों तक इस सूची में बने रहना उनके उच्च स्तर के शोध और वैश्विक वैज्ञानिक योगदान का प्रमाण है। डा. दिनेश का शोध कार्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इमेज प्रोसेसिंग और कंप्यूटर विज़न के क्षेत्रों में केंद्रित है। उन्होंने अब तक दुनिया की शीर्ष पत्रिकाओं में दो सौ से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित किए हैं। उनके शोध के प्रमुख क्षेत्र हैं फेक न्यूज डिटेक्शन, हेट स्पीच डिटेक्शन, सेंटिमेंट एनालिसिस, मानव गतिविधि पहचान, स्मार्ट एग्रीकल्चर, बुद्धिमान परिवहन प्रणाली और स्वास्थ्य सेवाओं में एआई आधारित समाधान शामिल हैं। डॉ. विश्वकर्मा को उनके उत्कृष्ट शोध योगदान के लिए दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने कई पुरस्कारों से सम्मानित किया है, जिनमें ईयरली साइटेशन अवॉर्ड, अर्ली रिसर्च इम्पैक्ट एंड इन्फ्लुएंस, हाईली साइटेड पेपर अवॉर्ड, प्रीमियर रिसर्च अवॉर्ड और कमेंडेबल रिसर्च अवॉर्ड शामिल हैं। डा. दिनेश विश्वकर्मा ने कहा कि यह सम्मान केवल मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि मेरी शोध टीम, विद्यार्थियों और परिवार के सहयोग का परिणाम है। मेरा उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को समाज के कल्याण के लिए उपयोगी बनाना है ताकि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और परिवहन जैसे क्षेत्रों में वास्तविक समाधान प्रदान किए जा सकें। डा. दिनेश विश्वकर्मा के बड़े भाई अवधेश विश्वकर्मा वर्तमान में डीएवी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य व उनके साले डा. एम एल विश्वकर्मा यूएचएम जिला चिकित्सालय कानपुर नगर में चिकित्सक हैं। डा. विश्वकर्मा की इस उपलब्धि पर पत्नी सुषमा, बेटी दिया, अद्विका, उनके पैतृक गांव चमरुपुर पठान में भाई अवधेश कुमार विश्वकर्मा, भाभी शिव कुमारी, सत्यभामा, बहन नीलू, कमलेश कुमारी, भतीजे जीतेन्द्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार, अनूप, अजय, भतीजी शालिनी, अंतिमा, अंशिका और ससुराल चौंसा कुंडा में सास शांती देवी, डा. एम एल विश्वकर्मा, डा. रश्मि शर्मा, राम सूरत, पुष्पा देवी, पत्रकार कुलदीप विश्वकर्मा, दिलीप, प्रदीप विश्वकर्मा प्रधान, रंजीत कुमार, विजय विश्वकर्मा, दक्ष विश्वकर्मा, दर्शी आदि ने खुशी जताई है। फिलहाल प्रोफेसर दिनेश विश्वकर्मा की इस बड़ी उपलब्धि ने न केवल जिले और प्रदेश का मान बढ़ाया है, बल्कि वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय में भारत की उपस्थिति को भी मजबूत किया है।

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