विद्युत विभाग में उपभोक्ताओं पर स्मार्ट मीटर लगाने के लिए विभाग का दबाव
विद्युत विभाग ने स्मार्ट मीटर का टैंडर किसी ठेकेदार या कंपनी के हाथ में दिया है जो उपभोक्ताओं पर जबरदस्ती दबाव बनाकर लगाए जा रहे हैं ऐसा क्यों किया जा रहा है अगर ये मीटर सही है तो पहले मीटर लगे थे वो गलत कैसे है क्या जो पहले विभाग में उच्च अधिकारी थे वो सही नहीं थे और या आज के अधिकारी कुछ तो सही नहीं लगता है कुछ तो गोलमाल है आज पहले वाला सुस्त बताया जा रहा है और ये सही ये उपभोक्ता क्यों लगवाए अगर विभाग अपना स्मार्ट मीटर सही कहता हैं उधर पब्लिक अपना जो लगा उसे सही कह रहीं उपभोक्ता स्मार्ट मीटर लगवाने को तैयार नहीं देखो क्या फैसला होता हैं