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"ग्राम बमोली में अनोखी पहल : मनरेगा कार्य के बीच श्रमिकों ने पहाड़ी व्यंजनों के साथ किया सामूहिक भोज"


बमोली द्वारीखाल जयमल चंद्रा

द्वारीखाल ब्लॉक के ग्राम बमोली में नवनिर्वाचित पंचायत समिति की निगरानी में मनरेगा के अंतर्गत विकास कार्यों की शुरुआत हो चुकी है। खालचाल कार्य के दौरान जहां कार्य प्रगतिशील रूप से आगे बढ़ रहा है, वहीं सामाजिक एकता और सहभागिता की मिसाल भी देखने को मिली।

आज दिनांक 27 सितम्बर 2025 को ग्राम पंचायत सदस्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता जयमल चंद्रा की पहल पर मनरेगा श्रमिकों ने पारंपरिक पहाड़ी व्यंजन दाल-ढूंगल के साथ सामूहिक भोज का आयोजन किया। इस मौके पर श्रमिकों ने न केवल थकान मिटाई, बल्कि आपसी भाईचारे और सौहार्द का संदेश भी दिया।

सामूहिक भोज में ग्राम प्रधान सपना रावत, ग्राम विकास अधिकारी सतीश शर्मा, मनरेगा जे.ई. विजयपाल सिंह, जी.आर.एस. प्रवीन नेगी, सामाजिक कार्यकर्ता सुमित रावत, वार्ड सदस्य मीनाक्षी, ज्योति, दिगम्बर सिंह सहित 32 मनरेगा श्रमिक उपस्थित रहे।

जयमल चंद्रा ने कहा –
“मनरेगा केवल रोजगार का माध्यम ही नहीं, बल्कि ग्रामवासियों को एकजुट करने और हमारी परंपराओं को जीवित रखने का जरिया भी है। इस तरह के सामूहिक आयोजनों से श्रमिकों का उत्साह और आत्मीयता बढ़ती है।”

ग्राम प्रधान सपना रावत ने अपने सम्बोधन में कहा –
“ग्राम पंचायत का उद्देश्य सिर्फ विकास कार्य कराना नहीं, बल्कि सामाजिक एकजुटता को भी मजबूत करना है। बमोली गांव ने यह साबित कर दिया है कि परंपरा और विकास साथ-साथ चल सकते हैं।”

मनरेगा जे.ई. विजयपाल सिंह ने कहा –
“श्रमिकों की मेहनत ही गांव के विकास की आधारशिला है। दाल-ढूंगल जैसे पारंपरिक व्यंजनों के साथ किया गया सामूहिक भोज श्रमिकों को नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करता है। यह पहल सराहनीय है।”

ग्राम विकास अधिकारी सतीश शर्मा ने भी इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि –
“पारंपरिक व्यंजन और सामूहिक सहभागिता श्रमिकों में उत्साह और आपसी जुड़ाव बढ़ाने का कार्य करती है। बमोली गांव ने एक अनुकरणीय पहल की है, जिसे अन्य ग्राम पंचायतें भी अपना सकती हैं।”

इस आयोजन ने न केवल श्रमिकों के परिश्रम को सम्मानित किया बल्कि गांव की संस्कृति और परंपरा को भी जीवंत किया। मनरेगा कार्यों के दौरान इस प्रकार की सामाजिक पहलें ग्रामीण विकास के साथ-साथ सामाजिक एकजुटता को भी मजबूत करती हैं।

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