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चप्पल नहीं खरीद पा रहे आउट सोर्स कर्मचारी आठ महीने से नहीं मिला वेतन, हद है लापरवाही की

रोडवेज के प्रबंध निदेशक महोदय आपके आउट सोर्स कर्मचारी चप्पल नहीं खरीद पा रहे। कर्मचारी को काम पर जाना है। मगर वेतन नहीं मिलना है। किसी से शिकायत भी नहीं करना है। वर्ना नौकरी चली जायेगी। ऐसी बेबसी की डर के मारे आंखों से आंसू भी न निकल सकें। किससे फरियाद करें। कौन सुनेगा। ये दर्द कौन देखेगा। तस्वीर में दिख रहे शख्स का नाम चरनजीत है। चरनजीत प्रयागराज के सिविल लाइंस डिपो में आउट सोर्स पर परिचालक हैं। मैनपुरी के रहने वाले चरनजीत को एस एस इण्टरप्राइजेज रायबरेली ने आठ महिने से वेतन का भुगतान नहीं किया है। सिविल लाइन बस स्टेशन पर अपने पैर में हवाई चप्पल पहन कर चरनजीत ड्यूटी आया था। चप्पल की बद्धी टूटी थी। टूटी बद्धी को चरनजीत ने कपड़े से बांध रखा था। काम करना पर वेतन नहीं मिलना। चरनजीत को देखकर किसी की भी आंख में आंसू आ जाए। माली हालत इतनी खराब की चरनजीत चप्पल भी नहीं खरीद पा रहा। शैलेन्द्र यादव आउटसोर्स परिचालक सिविल लाइन डिपो के हैं। इनको भी आठ महीने से वेतन नहीं मिला। सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ कि काफी कर्मचारियों का कई महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। इस मामले को लेकर कर्मचारी नेता राजकुमार शुक्ला ने एस एस इंटरप्राइजेज के सुपरवाइजर अमन वर्मा से बात किया कि जब परिवहन निगम हर माह कम्पनी को भुगतान कर रहा है तो इनको वेतन क्यों नही मिल रहा। इस पर अमन वर्मा ने परिचालक से बात करके रायबरेली जाने को कहा है। कर्मचारी नेता राजकुमार शुक्ला ने कहा कि इस तरह कम्पनी ने आउटसोर्स परिचालकों का शोषण बन्द नहीं किया तो एक माह बाद वह स्वयं प्रबन्ध निदेशक के समक्ष परिवहन निगम मुख्यालय लखनऊ में भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

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