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कैकई के वरदान ने छलकाए दर्शकों के आंसू, भरत मिलाप में दिखी असीम भावनाओं की छटा

महुली सोनभद्र (राकेश कुमार कन्नौजिया)_
सोनभद्र के विंढमगंज थाना क्षेत्र के श्री राजा बरियार शाह खेल मैदान महुली में चल रही ऐतिहासिक रामलीला के सातवें दिन राम वनवास, केवट संवाद, दशरथ मरण और भरत मिलाप का मार्मिक मंचन किया गया।

प्रथम दृश्य में राजा दशरथ मुनि वशिष्ठ से कहते हैं कि उनकी एक अभिलाषा है कि राम को युवराज बनाया जाए। राम के राजतिलक की खुशखबरी सुनकर अयोध्यावासी आनंदित होकर झूम उठते हैं। लेकिन देवताओं की चिंता रहती है कि यदि राम वनवास न गए तो निशाचरों का नाश कैसे होगा। इसी दौरान मंथरा कैकेयी का मन बदल देती हैं।

कैकई अपने वरदानों के आधार पर भरत को राज और राम को 14 वर्ष के वनवास की मांग करती हैं। राजा दशरथ हेराम हेराम कहते हुए पृथ्वी पर गिर पड़ते हैं। भगवान राम, लक्ष्मण और सीता स्वेच्छा से वनवास हेतु अयोध्या छोड़ते हैं। नगरवासी भावपूर्ण विलाप करते हुए उन्हें रोकने का प्रयास करते हैं।

राम गंगा तट पर पहुँचना, केवट के साथ उनका संवाद, और भरत का माता कैकई से रोष प्रकट करना दर्शकों की आँखों में आंसू और मन में भावुकता का संचार कर देता है। भरत ईश्वर को साक्षी मानकर सौगंध लेते हैं और राम की चरणपादुका लेकर अयोध्या लौटते हैं।

रामलीला मंडली के व्यास दिलीप कुमार कन्नौजिया ने बताया कि अगले दिन सीता हरण लीला का मंचन किया जाएगा। इस अवसर पर रामलीला समिति के अध्यक्ष अरविंद जायसवाल, उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार कन्नौजिया, पंकज गोस्वामी, विजेंदर कुमार, पंकज कन्नौजिया सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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