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नन्द के घर आनंद भयो पर झूमें भक्त, श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप ने मोहा मन


रायबरेली-माँ देविहई मंदिर प्रांगण में चल रही नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव में छठे दिन का आयोजन अत्यंत हर्षोल्लास के बीच सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कथा व्यास पंडित मुरली मनोहर शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव प्रसंग का रसपूर्ण एवं भावनात्मक वर्णन किया।

जैसे ही कथा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग आया, पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। मंदिर प्रांगण में उपस्थित श्रद्धालु "नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की" के जयकारों से गूंज उठे। कथा पंडाल में भगवान के बाल स्वरूप की झांकी सजाई गई, जिसके दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने झूमकर भजन-कीर्तन किया और जन्मोत्सव का आनंद लिया।

कथा व्यास पंडित मुरली मनोहर शास्त्री ने श्रीकृष्ण जन्म की लीला का वर्णन करते हुए बताया कि जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान स्वयं अवतरित होकर धर्म की रक्षा करते हैं। उन्होंने भक्तों को श्रीकृष्ण की लीलाओं से प्रेरणा लेकर जीवन में भक्ति, सदाचार और सत्य को अपनाने का संदेश दिया।

पूरे कथा स्थल को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। रंग-बिरंगी रोशनियों और फूलों से सजे पंडाल में भक्ति का वातावरण देर रात तक बना रहा। क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस दिव्य आयोजन में शामिल हुए और बाल स्वरूप श्रीकृष्ण के दर्शन कर स्वयं को धन्य किया।

आयोजकों ने बताया कि कथा प्रतिदिन सायं समय आयोजित हो रही है। आगामी दिनों में श्रीकृष्ण लीलाओं का विस्तृत वर्णन किया जाएगा और अंतिम दिन विशाल भंडारे का आयोजन होगा, जिसमें काफ़ी संख्या में भक्तों के शामिल होने की संभावना है।

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