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दरभंगा के बेता थाना और विशनपुर थाना के पूर्व थानाध्यक्ष दिल्ली के एक अस्पताल में अपनी अंतिम साँस ली।

आज दरभंगा का पुलिस महकमा और पूरा ज़िला एक जाँबाज़, कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के असमय चले जाने से गहरे सदमे में है। हम बात कर रहे हैं 2009 बैच के इंस्पेक्टर रूपक कुमार अम्बुज की, जिन्होंने हाल ही में डेंगू से लंबी लड़ाई लड़ते हुए दिल्ली के एक अस्पताल में अपनी अंतिम साँस ली।
इंस्पेक्टर अम्बुज, जिनका निधन पुलिस विभाग के लिए एक अपूरणीय क्षति है, दरभंगा के बेता थाना और विशनपुर थाना के पूर्व थानाध्यक्ष के रूप में अपनी तेज-तर्रार और निष्पक्ष कार्यशैली के लिए जाने जाते थे।
एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी का सफर अपने पुलिस करियर में, रूपक कुमार अम्बुज ने हमेशा जनसेवा और न्याय को सर्वोपरि रखा। चाहे वह किसी भी थाने में रहे हों, उनका लक्ष्य हमेशा अपराध पर अंकुश लगाना और आम जनता के बीच सुरक्षा की भावना को स्थापित करना रहा।
उनके सहयोगी बताते हैं कि वे न केवल एक कुशल प्रशासक थे, बल्कि अपने मातहतों के लिए एक प्रेरणास्रोत भी थे। उनकी सादगी, ईमानदारी और काम के प्रति उनका समर्पण उन्हें ख़ास बनाता था। उन्होंने कई सुलगते मामलों को शांत किया और कई मुश्किल जाँचों को अपनी सूझबूझ से अंजाम तक पहुँचाया।

पुलिस महकमे में शोक की लहर

इंस्पेक्टर अम्बुज के निधन की ख़बर सुनते ही पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गई। उच्च अधिकारियों से लेकर आरक्षी तक, हर कोई इस असामयिक क्षति से आहत है। यह केवल एक अधिकारी का जाना नहीं है, यह राज्य की सेवा में समर्पित एक अमूल्य जीवन का अंत है।
डेंगू जैसी बीमारी ने आज हमसे एक ऐसे अधिकारी को छीन लिया, जिसकी राष्ट्र को और समाज को अभी और ज़रूरत थी।
इस दुःख की घड़ी में, हम सभी इंस्पेक्टर रूपक कुमार अम्बुज के परिवार, मित्रों और उनके सभी सहयोगियों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करते हैं। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति दें।
इंस्पेक्टर रूपक कुमार अम्बुज का नाम, उनका साहस और उनका योगदान हमेशा बिहार पुलिस के इतिहास में दर्ज रहेगा। हमारी ओर से उन्हें शत-शत नमन।

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