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खबर बैंगलोर से बेंगलुरु की सड़कों को आवाजाही योग्य बनाने और गड्ढे भरने के लिए 30 दिन का समय दिया: सिद्धारमैया

सिद्धारमैया ने कहा कि मैंने गड्ढों को भरने और काम में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। मैंने एक सहायक कार्यकारी अभियंता को निलंबित कर दिया क्योंकि उसने बिना तारकोल डाले सिर्फ बजरी भरकर गड्ढा छोड़ दिया था।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को कहा कि उन्होंने अधिकारियों को शहर की सभी सड़कों को आवाजाही योग्य बनाने और गड्ढों को भरने के लिए 30 दिन का समय दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी चूक के लिए पांचों नगर निगमों के आयुक्त और मुख्य अभियंता जिम्मेदार होंगे। मुख्यमंत्री शनिवार को सड़कों की स्थिति और गड्ढों को भरने के जारी कार्यों का निरीक्षण करने के लिए ‘शहर के दौरे’ पर पहुंचे।सिद्धारमैया ने कहा, “मैंने गड्ढों को भरने और काम में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। मैंने एक सहायक कार्यकारी अभियंता को निलंबित कर दिया क्योंकि उसने बिना तारकोल डाले सिर्फ बजरी भरकर गड्ढा छोड़ दिया था। जिन सड़कों पर ‘व्हाइट टॉपिंग’ (सड़क पर सीमेंट कंक्रीट की मजबूत परत बिछाना) की जा रही है, उनका रखरखाव ठेकेदारों को करना होता है। हेनूर रोड पर व्हाइट टॉपिंग की जा रही है, जिस पर 13 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर खर्च किए जा रहे हैं। यह पांच किलोमीटर की सड़क परियोजना है।”


मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा कि उन्होंने सभी सड़कों को यातायात योग्य बनाने और गड्ढों को भरने के लिए 30 दिन का समय दिया है। उन्होंने कहा, “अधिक बारिश के कारण गड्ढे हो गए हैं। इन्हें भरा जाना चाहिए था लेकिन नहीं भरा गया। अब मैंने गड्ढों को भरने के लिए कहा है। मैंने एक महीने का समय दिया है।” सिद्धारमैया ने गड्ढों की समस्या के लिए जिम्मेदारी तय करने के सवाल पर कहा, “हर साल बारिश के कारण गड्ढे होते हैं। अब चूंकि बेंगलुरु में पांच निगम बन गए हैं, इसलिए आयुक्तों और मुख्य अभियंताओं को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।”

शहर में सड़कों की खराब स्थिति के लिए राज्य सरकार की आलोचना हो रही है। इंफोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई और बायोकॉन की अध्यक्ष किरण मजूमदार-शॉ सहित बेंगलुरु में उद्योग जगत के दिग्गजों ने हाल ही में राज्य सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था। सड़कों की स्थिति के खिलाफ आक्रोश तब और बढ़ गया जब ऑनलाइन ट्रकिंग प्लेटफॉर्म ‘ब्लैकबक’ ने आवागमन और सड़क बुनियादी ढांचे की समस्याओं का हवाला देते हुए बेंगलुरु के आउटर रिंग रोड (ओआरआर) पर बेलंदूर स्थित अपने वर्तमान स्थान से कंपनी को स्थानांतरित करने का फैसला किया।


सिद्धारमैया ने कहा, “मैंने गड्ढों को भरने और काम में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। मैंने एक सहायक कार्यकारी अभियंता को निलंबित कर दिया क्योंकि उसने बिना तारकोल डाले सिर्फ बजरी भरकर गड्ढा छोड़ दिया था। जिन सड़कों पर ‘व्हाइट टॉपिंग’ (सड़क पर सीमेंट कंक्रीट की मजबूत परत बिछाना) की जा रही है, उनका रखरखाव ठेकेदारों को करना होता है। हेनूर रोड पर व्हाइट टॉपिंग की जा रही है, जिस पर 13 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर खर्च किए जा रहे हैं। यह पांच किलोमीटर की सड़क परियोजना है।”मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा कि उन्होंने सभी सड़कों को यातायात योग्य बनाने और गड्ढों को भरने के लिए 30 दिन का समय दिया है। उन्होंने कहा, “अधिक बारिश के कारण गड्ढे हो गए हैं। इन्हें भरा जाना चाहिए था लेकिन नहीं भरा गया। अब मैंने गड्ढों को भरने के लिए कहा है। मैंने एक महीने का समय दिया है।” सिद्धारमैया ने गड्ढों की समस्या के लिए जिम्मेदारी तय करने के सवाल पर कहा, “हर साल बारिश के कारण गड्ढे होते हैं। अब चूंकि बेंगलुरु में पांच निगम बन गए हैं, इसलिए आयुक्तों और मुख्य अभियंताओं को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।”

शहर में सड़कों की खराब स्थिति के लिए राज्य सरकार की आलोचना हो रही है। इंफोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई और बायोकॉन की अध्यक्ष किरण मजूमदार-शॉ सहित बेंगलुरु में उद्योग जगत के दिग्गजों ने हाल ही में राज्य सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था। सड़कों की स्थिति के खिलाफ आक्रोश तब और बढ़ गया जब ऑनलाइन ट्रकिंग प्लेटफॉर्म ‘ब्लैकबक’ ने आवागमन और सड़क बुनियादी ढांचे की समस्याओं का हवाला देते हुए बेंगलुरु के आउटर रिंग रोड (ओआरआर) पर बेलंदूर स्थित अपने वर्तमान स्थान से कंपनी को स्थानांतरित करने का फैसला किया।

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