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"मेरी नाक गई तो गयी, तुम अपना नाक बचाओ न" — शूर्पणखा के संवाद से गूंजा सीता हरण मंचन

महुली सोनभद्र (राकेश कुमार कन्नौजिया)_
विंढमगंज थाना क्षेत्र के श्री राजा बरियार शाह खेल मैदान, महुली में चल रहे श्रीरामलीला मंचन के आठवें दिन रविवार की रात सीता हरण लीला का मंचन बड़े ही रोमांचक और भावनात्मक ढंग से किया गया। इस दौरान शूर्पणखा का किरदार और उसके तीखे संवाद दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बने।

लीला की शुरुआत पंचवटी प्रसंग से हुई। शूर्पणखा राम और लक्ष्मण को देखकर मोहित हो जाती है और विवाह का प्रस्ताव रखती है। दोनों भाइयों के इंकार करने पर वह सीता पर हमला करने दौड़ पड़ती है। तभी लक्ष्मण उसकी नाक और कान काट देते हैं। अपमानित शूर्पणखा विलाप करते हुए लंका पहुँचती है और रावण से कहती है—
“मेरी नाक गई तो गयी, तुम अपना नाक बचाओ न।”

शूर्पणखा के इस उकसावे से रावण का क्रोध भड़क उठता है। उसने पहले अपने सेनापति खर-दूषण को राम-लक्ष्मण से युद्ध करने भेजा। युद्ध का दृश्य बेहद रोमांचकारी रहा, जिसमें राम ने अपनी अद्वितीय वीरता से खर-दूषण और उनके असुरों का संहार कर दिया।

इसके बाद रावण ने अपने मामा मारीच की शरण ली। मारीच स्वर्ण मृग का रूप धारण करके पंचवटी पहुँचा। सीता उस सुनहरे हिरण को देखकर मोहित हो जाती हैं और राम से उसे पकड़कर लाने का आग्रह करती हैं। राम जब हिरण के पीछे जाते हैं, तो मारीच अपने आखिरी प्राणों से "हे सीते, हे लक्ष्मण" पुकारता है। इस पुकार को सुनकर सीता व्याकुल हो जाती हैं और लक्ष्मण को राम की खोज में भेजती हैं।

इसी अवसर का लाभ उठाकर रावण साधु के वेश में सीता के पास पहुँचता है और छलपूर्वक उनका हरण कर लेता है। जब रावण सीता को पुष्पक विमान में बैठाकर ले जा रहा था, तभी गिद्धराज जटायु ने उन्हें बचाने का प्रयास किया। जटायु और रावण के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसमें जटायु घायल होकर भूमि पर गिर पड़े। यह दृश्य देखकर उपस्थित दर्शकों की आँखें नम हो गईं।

रामलीला के इस मंचन में कलाकारों की अदाकारी और संवादों ने पूरे वातावरण को जीवंत बना दिया। दर्शकों ने जगह-जगह तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।

इस मौके पर रामलीला समिति के अध्यक्ष अरविंद जायसवाल, उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार कन्नौजिया, अमित कुमार कन्नौजिया, दिलगज राम कन्नौजिया, बुधनाथ कन्नौजिया, अमानुल्लाह सहित समिति के अन्य पदाधिकारी और सैकड़ों दर्शक मौजूद रहे।

कार्यक्रम के अंत में रामलीला मंडली के व्यास दिलीप कुमार कन्नौजिया ने बताया कि अगली कड़ी में राम-सुग्रीव मित्रता, बाली वध और लंका दहन का मंचन किया जाएगा।

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