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ये है झारखंड इरबा ओरमांझी ACMS हॉस्पिटल

 रांची।  डालटनगंज के प्रदीप सिन्हा को एम्बुलेंस ड्राइवर के माध्यम से फंसा कर 14 मई को रात 11 बजे भर्ती किया गया। हॉस्पिटल मैं दवाइयाँ नही थी इसलिए उनके पुत्र और अटेंडेंट सन्नी को रात्रि 1130 बजे बाहर से दवा लाने को कहा गया क्योंकि उनका पुत्र भी दिन भर भूखा प्यासा और अस्वस्थ था,कोई साधन नही मिलने के कारण पैदल ही चल पड़ा  और थोड़ी दूर जाकर बेहोश हो गया। जैसे तैसे उसको बचाया गया।

हॉस्पिटल की अव्यवस्था को देखते हुए  मैंने जब राम प्यारी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शिफ्ट करने हेतु  एम्बुलेंस भेजा तब सभी स्टाफ,नर्स और गार्ड  ने मिलकर एक गिरोह की तरह प्रदीप सिन्हा के पुत्र और अटेंडेंट सन्नी से अठारह हज़ार पहले ले लिया फिर उनका ऑक्सीजन हटाकर बोले कि उपायुक्त रांची और राम प्यारी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का पत्र चाहिए । SSP रांची के मदद से बड़ी मुश्किल से उन्हें छोड़ा गया फिर उनके पुत्र को वहाँ के स्टाफ जिसमे गार्ड भी शामिल है सभी ने मिलकर मार पीट कर धक्का देकर बाहर किया। 
हॉस्पिटल में मात्र पांच घंटे रहने का खर्चा अठारह हज़ार लिया गया जहां  न तो दवा है,न ही वेंटीलेटर न ही प्रॉपर ICU है , । 
संक्रमित और उसके अटेंडेंट के साथ सहिष्णुता के बदले अमानवीय व्यवहार किया गया। 
संक्रमित को उपायुक्त रांची और हॉस्पिटल का पत्र के बहाने दो घंटे तक बिना ऑक्सीजन के रखा गया जिससे उनकी स्थिति और खराब हो गई। 

माननीय मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री महोदय से निवेदन है कि मानवता को शर्मसार करने वाले इस जल्लादी और फर्जी अस्पताल के विरुद्ध कड़ी करवाई करें।

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