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बोटाद जिले के सरवा गांव में महिलाओं की शक्ति का संगम – “नारी सशक्तिकरण कार्यक्रम” और “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” का ऐतिहासिक आयोजन

बोटाद जिले के सरवा गांव में महिलाओं की शक्ति का संगम – “नारी सशक्तिकरण कार्यक्रम” और “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” का ऐतिहासिक आयोजन

बोटाद, [30/9/2025] – बोटाद जिले ने महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य उत्थान की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई और स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पूरे जिले के सभी गाँवों में “नारी सशक्तिकरण कार्यक्रम” और “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” का सफल आयोजन किया गया।

इस अनूठे अभियान का लक्ष्य महिलाओं और किशोरियों को सशक्त, आत्मनिर्भर और स्वस्थ बनाना है ताकि ग्रामीण विकास की दिशा में उनकी भागीदारी और मज़बूत हो।

कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ

1. जागरूकता सत्र – महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों, सरकारी योजनाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जानकारी दी गई।


2. स्वास्थ्य और पोषण पर विशेष ध्यान – “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” के तहत एनीमिया रोकथाम, पोषण आहार, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए परामर्श तथा किशोरियों की स्वास्थ्य जांच की गई।


3. आजीविका एवं कौशल विकास – स्वयं सहायता समूह (SHG) गठन, बचत-ऋण प्रबंधन, हस्तशिल्प, सिलाई-कढ़ाई और छोटे उद्योगों का प्रशिक्षण दिया गया।


4. सामुदायिक भागीदारी – महिलाओं को पंचायत बैठकों और सामुदायिक निर्णय प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया।



नेताओं और अधिकारियों की भूमिका

इस महाअभियान में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती दयाबेन नरसीभाई ने गाँव-गाँव जाकर महिला समूहों से सीधा संवाद किया और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया। उन्होंने कहा:
"गाँवों की महिलाएं सशक्त होंगी, तभी सच्चा विकास संभव है। यह अभियान हर महिला तक पहुँच बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर और स्वस्थ जीवन की ओर ले जाने का प्रयास है।"

जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के प्रवक्ता ने बताया कि इस अभियान से जिले की हजारों महिलाओं और किशोरियों को सीधा लाभ मिला है। स्वास्थ्य विभाग ने भी इस पहल को गाँव–गाँव तक पहुँचाने के लिए आशा, आंगणवाड़ी कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों को सक्रिय रूप से जोड़ा है।

ऐतिहासिक प्रभाव

यह संयुक्त पहल केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि महिलाओं में नई ऊर्जा, आत्मविश्वास और जागरूकता जगाने वाला आंदोलन बनकर उभरा है। बोटाद जिले ने दिखा दिया है कि जब महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ा जाता है, तो यह ग्रामीण विकास के लिए एक क्रांतिकारी मॉडल साबित हो सकता है।

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