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सुदामा चरित्र और ब्रज की होली के साथ श्रीमद्भागवत कथा का विश्राम: प्रेमाचार्य पीताम्बरजी महाराज

सुदामा चरित्र और ब्रज की होली के साथ श्रीमद्भागवत कथा का विश्राम: प्रेमाचार्य पीताम्बरजी महाराज



मंझौल में चल रही नौदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में बड़ी संख्या में श्रोता कथा श्रवण कर रहे हैं और कथा के बीच में झाँकी के माध्यम से लीलाओं का आनंद लेते आ रहे हैं। आज अंतिम दिवस की कथाक्रम में सुदामा चरित्र की कथा के बाद भागवत कथा की सूची के पश्चात कथा का विश्राम किया गया। इसके बाद ब्रज की होली का आयोजन किया गया। आज सुबह हवन पूजन के पश्चात पूरे नगर व आसपास के गाँव का विशाल कन्याभोज व भंडारे का आयोजन किया जाएगा। कृष्ण लीला का वर्णन करते हुए श्रीकृष्ण की अनेकों कथाओं को अपने ढंग से श्रोताओं को सुनाई तथा सुदामा और कृष्ण की कथा से हमें मित्रता कैसी करनी चाहिए, यह बतलाते हुए कहा सुदामा जैसा मित्र कलयुगी संसार में नहीं मिल सकता। देख सुदामा की दीन दशा करुणा करके करुणानिधि रोए, पानी परात को हाथ लियो नहिं नैनन के जल सो पग धोए। कथा के आखरी में भागवत की सूची सुनाई बताया जाता है। जो भक्त पहले किसी कारणवश कथा न सुन पाए, अगर वह आखरी दिन कथा की सूची सुन ले तो उसको पूरी कथा श्रवण करने का लाभ प्राप्त होता है। व्यास पीठ आचार्य प्रेमाचार्य पीताम्बरजी महाराज ने बताया कि कभी भी मित्र के साथ धोखा नही करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि भागवत कथा ही ऐसी कथा है, जिसके श्रवण मात्र से ही मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति कर लेता है। भगवान कृष्ण के समान कोई सहनशील नहीं है। क्रोध हमेशा मनुष्य के लिए कष्टकारी होता है। अतः हमें क्रोध नहीं करना चाहिए। अंत में श्रीकृष्ण की आरती के साथ कथा का विश्राम हुआ। इस अवसर पर समुपस्थित भक्तजनों ने विशाल भंडारे का आनंद लिए। मौके पर सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति मंझौल के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, कोषाध्यक्ष अमित कुमार सिंह गप्पू, सचिव सिम्मी शिवम सिंह, संयुक्त सचिव केशव सरकार, सदस्य गोपी, शिशुपाल सिंह, केशव, प्रवीण, संरक्षक विजय प्रसाद सिंह, मनोज भारती, गोविन्द, वीरू, सनातन, शिवम, धीरज, सन्नी, मुरारी, गुलशन, प्रियांशु, अजय कुमार चुलबुल, आदित्य, सचिन, रवि, छोटे, अनुराग, रिशुराज, श्यामजी समेत काफी संख्या में पुरुष एवं महिला श्रद्धालु मौजूद थे।

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