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*"जल ही जीवन है" और "वृक्षारोपण" विषय पर कार्यशाला का आयोजन – भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी, उमरिया शाखा द्वारा एक जागरूकता पहल*

भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी शाखा उमरिया के अध्यक्ष आदरणीय धरणेन्द्र कुमार जैन जी कलेक्टर उमरिया के मार्गदर्शन में आज एक प्रभावशाली कार्यशाला का आयोजन *शासकीय हाई स्कूल तमन्नारा* में किया गया, जिसका विषय था – "जल का महत्व और "वृक्षारोपण"। कार्यशाला का उद्देश्य समाज में जल संकट की गंभीरता, जल के महत्व और उसके संरक्षण के उपायों के प्रति जन-जागरूकता फैलाना और वृक्षारोपण करने पर रहा।
कार्यक्रम की में रेड क्रॉस सोसायटी के *सभापति श्री अखिलेश त्रिपाठी जी* ने स्वागत भाषण देते हुए कहा, "हमारा भविष्य तभी सुरक्षित है जब जल सुरक्षित है। हमें न केवल जल बचाने की सोच विकसित करनी है, बल्कि व्यवहार में लाना भी है" और स्कूल के सभी बच्चों और शिक्षकों से आग्रह किया कि इस विद्यालय को हरित विद्यालय परिसर बनाएं।
कार्यशाला में *मुख्य वक्ता श्री संतोष त्रिपाठी जी* ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर बच्चों और शिक्षकों से गहन चर्चा की: जल का वैज्ञानिक और सामाजिक महत्व- शरीर की प्रत्येक क्रिया के लिए जल की अनिवार्यता , कृषि, उद्योग और ऊर्जा के लिए जल की भूमिका, पारिस्थितिकी तंत्र में जल का स्थान
जल संकट की वर्तमान स्थिति:– गिरते भूजल स्तर, जल स्रोतों का प्रदूषण,शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल की असमान उपलब्धता,वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting):– घरेलू स्तर पर वर्षा जल संग्रह की विधियाँ,स्कूलों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों में जल संचयन की संभावनाएँ, वर्षा जल का पुनर्भरण में योगदान
जल संरक्षण के सरल उपाय:–टपकती टोंटियों की मरम्मत, बाल्टियों का प्रयोग बनाम बाथटब/शावर, पुन: उपयोग योग्य पानी का सदुपयोग (जैसे बर्तन धोने का पानी पौधों में देना)
स्वच्छ जल और स्वास्थ्य:– गंदे जल से होने वाले रोग (जैसे टाइफाइड, हैजा, डायरिया),जल को उबालकर या फिल्टर करके पीने की आवश्यकता,ग्रामीण क्षेत्रों में जल शुद्धिकरण के पारंपरिक उपाय
जल संरक्षण में युवा और समाज की भूमिका:– स्कूली बच्चों में जल के प्रति चेतना, सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता "हम प्रतिज्ञा करते हैं कि हम जल का दुरुपयोग नहीं करेंगे और अपने परिवार, समाज एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए जल को संरक्षित करेंगे।"
इनके पश्चात *श्री अनुराग तिवारी जी* ने वृक्षारोपण और पर्यावरण विषय पर चर्चा की और बताया कि पेड़ का क्या महत्व है उन्होंने बताया कि प्रतिव्यक्ति पेड़ो की संख्या में 200 देशों में 134 स्थान भारत का है यह अत्यंत चिंताजनक है और भारत में प्रतिव्यक्ति पेड़ो की संख्या मात्र 28 है जिसके कारण बहुत सी समस्या आ रही है और विद्यालय में उपस्थित बच्चों से आग्रह किया कि आप सभी अपने अपने घरों में बीजों का रोपण करे और फिर बीजारोपण से वृक्षारोपण करे। वृक्षारोपण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हर एक पेड़ धरती को सांस लेने का मौका देता है। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं और उनकी देखभाल करें, इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाना, पर्यावरणीय असंतुलन को समझाना और वृक्षारोपण के माध्यम से समाधान की ओर अग्रसर करना था। उन्होंने छात्रों को बताया कि वृक्ष सिर्फ पर्यावरण का नहीं, बल्कि मानव जीवन का भी आधार हैं। एक पौधा आज का नहीं, आने वाली पीढ़ियों के लिए अमूल्य धरोहर है। हमें इसे एक आंदोलन का रूप देना होगा। इसके पश्चात सभी उपस्थितजनों ने मिलकर “हर छात्र एक पौधा” शपथ ली, जिसमें सभी ने कम-से-कम एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने का संकल्प लिया।
इस कार्यशाला ने यह सिद्ध किया कि जनसहभागिता से ही जल संरक्षण और वृक्षारोपण संभव है। रेड क्रॉस सोसायटी उमरिया का यह प्रयास निश्चित ही समाज में जल और वृक्षारोपण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
आज के इस अवसर पर भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी शाखा उमरिया के सभापति श्री अखिलेश त्रिपाठी जी, सदस्य श्री संतोष त्रिपाठी जी, श्री अनुराग तिवारी जी, श्री नीरज गौतम जी सहित विद्यालय के प्राचार्य श्री बसंत सिंह कुंजाम, श्रीमती सविता सिंह, श्रीमति द्रोपति प्रजापति,श्री
मति मनीषा त्रिपाठी,श्रीमति प्रीति श्रीवास्तव, श्री जितेंद्र तिवारी, श्री रामभूषण तिवारी,श्री निलेश यादव सहित विद्यालय के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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