logo

भाई, साथी और आदर्श: बिक्की ठाकुर भैया के जाने से ग़मगीन :फ़ारबिसगंज

फ़ारबिसगंज|
और आसपास का इलाक़ा कल ग़म और सदमे में डूब गया।
युवाओं के आदर्श, हर दिल अज़ीज़ और समाजसेवा के लिए हमेशा तैयार रहने वाले बिक्की ठाकुर भैया का असामयिक निधन हो गया।
उनकी अचानक विदाई की ख़बर ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया।

बचपन से ही मिलनसार, निडर और मददगार स्वभाव के कारण भैया ने कम उम्र में ही लोगों के दिलों में जगह बना ली थी।
गाँव-क़स्बे के युवा उन्हें सिर्फ़ एक साथी नहीं, बल्कि एक सच्चा मार्गदर्शक और प्रेरणा मानते थे।
हर छोटे-बड़े कार्यक्रम, हर सुख-दुख में उनकी मौजूदगी लोगों के लिए ढाढ़स और भरोसे का सहारा होती थी।
कल दोपहर जब उनके निधन की सूचना लोगों तक पहुँची तो पूरा इलाक़ा ग़मगीन हो गया।
मोहल्लों की गलियाँ, चौक-चौराहे, चाय की दुकानों से लेकर खेत-खलिहानों तक — हर जगह लोगों की आँखें नम और होंठों पर यही एक सवाल था:
क्यों भैया हमें यूँ छोड़कर चले गए?
लोगों का कहना है कि बिक्की ठाकुर भैया का जाना सिर्फ़ एक व्यक्ति का जाना नहीं, बल्कि पूरे समाज की शक्ति का टूट जाना है।
उनका व्यक्तित्व युवाओं के लिए आदर्श और बड़ों के लिए सम्मान का कारण था।
श्रद्धांजलि देते हुए लोगों ने कहा कि भैया का चेहरा, उनकी हँसी और उनकी बातें हमेशा याद आएँगी।
ईश्वर से सभी ने प्रार्थना की कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार को यह असहनीय दुःख सहने की शक्ति दे।
आज हर दिल यही कह रहा है —
भैया, आप भले इस दुनिया से चले गए हों,
लेकिन हमारी यादों, हमारी दुआओं और हमारी धड़कनों में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।

115
31083 views