logo

भ्रष्टाचार इक ऐसी बीमारी। ना छोड़े जज को ना छोड़े पटवारी।। (जज से संबंधित मामला)

होशियारपुर: 2 अक्तूबर, 2025 (बूटा ठाकुर गढ़शंकर)
उच्च पदवी पर आसीन बड़े बड़े अधिकारी जिनका रूतवा और वगार इतनी ज्यादा होती है कि रिश्वत लेने जैसा निंदनीय अपराध करने का ख्याल भी जहन में नहीं आना चाहिए। लेकिन हमारे देश का हाल ऐसा है कि सोचने पर मजबूर कर देता है कि ऐसे बेशर्म लोग कहां से आते हैं उनकी पिछोकड़ कैसी होगी?
जिक्रयोग अपराधिक घटना 13 अगस्त से शुरू होती है जब फिरोजपुर में बेदी कॉलोनी की एक महला संदीप कौर अपने तलाक का केस बठिंडा की अदालत में दायर करती है। उसकी भेंट चंडीगढ़ 15 सेक्टर के निवासी वकील जतिन सालवान से होती है जिसने पूरा मामला जानने के बाद नाटकीय ढंग से जज के नाम से 30 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की और कहा कि सौ प्रतिशत फ़ैसला आपके हक में होगा और केस भी जल्दी निपटा दिया जायेगा। इस खेल में दलाल सतनाम सिंह भी शामिल था। कहा गया कि आप पैसे का इंतजाम करें कोई अज्ञात व्यक्ति गुप्त तरीके से रिसीव कर लेगा। उक्त महिला ने कहा रकम तो बहुत ज्यादा है कुछ कम करिए तो जवाब मिला कि रिश्वत का पैसा कम नहीं होता।
महिला ने अपने कजन भाई हरसिमरन जीत सिंह की मदद से सीबीआई से संपर्क किया तो सीबीआई ने जाल बिछाया और पहली किश्त में पांच लाख रुपए अदा करते हुए 14 अगस्त को उक्त वकील जतिन सालवान और दलाल सतनाम सिंह को रंगे हाथ पकड़ लिया। उधर बठिंडा की अदालत में कार्यरत जज को भी लपेटे में ले लिया गया है और पूरे मामले की चार्जशीट 13 अक्टूबर को पेश की जाएगी।
पर सोचने की बात है कि जो लोग इतने बड़े और सम्मान जनक रूतवे हासिल करके भी घटिया मानसिकता का परिचय देते हैं क्या उनके अपराधों के लिए कानूनी सजाएं नाकाफी हैं, जिनकी किसी को प्रवाह ही नहीं। मेरा मानना तो यही है कि ऐसे लोगों को कानूनी सजा के साथ साथ मुंह काला करके आम जनता में घुमाना चाहिए और कम से कम एक हफ्ता किसी सार्वजनिक चौक पर नंगा करके बिठाना चाहिए।

126
13497 views