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जौनपुर, उत्तर प्रदेश के कुछमुछ गाँव के निवासी संगरू राम जी। उम्र 75 वर्ष। एक वर्ष पहले इनकी धर्मपत्नी का देहांत हो गया।

जौनपुर, उत्तर प्रदेश के कुछमुछ गाँव के निवासी संगरू राम जी। उम्र 75 वर्ष। एक वर्ष पहले इनकी धर्मपत्नी का देहांत हो गया। मतलब 74 साल की उम्र में इनकी धर्मपत्नी इन्हें छोड़ कर चली गई। संगरू जी की कोई संतान न थी। संभवतः ये अपनी धर्मपत्नी से बहुत ज्यादा प्रेम करते थे इसलिए इनकी मृत्यु तक किसी दूसरी स्त्री या ब्याह के बारे में नहीं सोचे।
लेकिन जब गत वर्ष इनकी धर्मपत्नी चल बसी तो ये बेचैन होने लगे। वर्षों एक साथ रहने के बाद जब अकेले तन्हाई में खटिया में बिताने लगे तो अकेलापन इन्हें काटने को दौड़ने लगा। अकेले रात काटना दुष्कर होने लगा। एक-एक रात वर्षों के बराबर लगने लगा। इन अथाह दर्द, पीड़ा, कष्ट और अकेलापन के बीच में बाकी के बचे जीवन को काटना मुश्किल हो गया।

अतः संगरू जी ने निर्णय लिया कि बस अब बहुत हो गया अकेले जीवन काटना, अब और नहीं। अब मैं दूसरा ब्याह करूँगा। और इसके बाद इन्होंने अपनी दुल्हन खोजनी शुरू की।
और इन्हें दुल्हन मिली मनभावती के रूप में। मनभावती की उम्र 35 वर्ष। मनभावती के दो बच्चे हैं।
राजी-ख़ुशी से इन दोनों ने ब्याह किया। पहले कोर्ट में किया और बाद में मंदिर में भी।

सुहागरात के दिन संगरू ने नई दुल्हन को समझाया कि 'तुम किसी चीज का टेंशन मत लेना.. मैं सब संभाल लूंगा... मैं खेत-बारी में ध्यान दूँगा और तुम बच्चों पे ध्यान देना।'।

ऐसे ही बात करते हुए इनकी सुहागरात कट रही थी। देर रात तक बस भविष्य योजनाओं पे ही बात करते रहे।
लेकिन सुहागरात के बाद जैसे ही सुहागदिन का सूर्य उदय हुआ वैसे ही संगरू जी की तबीयत बिगड़ गई। आनन फानन में इन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहाँ इन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मनभावती के लिए यह शादी का जश्न पलभर में मातम में बदल गया।

दुःख की इस घड़ी में हम शोक संवेदना प्रेषित करते हैं।

इम्तियाज खान
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