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असत्य पर सत्य का उत्सव

🌹💐🌹शीर्षक:- दशहरा उत्सव 💐🌹💐
🔥 "असत्य पर सत्य का उत्सव"🔥

(१) रावण जलता, सत्य उजाला
राख हुई दंभ की ज्वाला।
धर्म का दीपक जगमगाए,
हर जीवन में प्रकाश समाए।।

(२) दशहरा पर्व सुनाए कथा
सत्य जीते, झुके व्यथा।
असत्य रहा न ठहर सका,
धर्म-बल से जग निखरा।।

(३) राम की मर्यादा गूँजे धाम
अन्याय मिटा, बढ़ा भगवान।
हर दिल में जागा विश्वास,
धर्म रहे जीवन का आस।।

(४) अंधकार सब मिटा जग से
ज्योति जली विजयादशमी से।
सत्य-दीप का उजियारा,
बना सहारा हर बेचारा।।

(५) धर्म की ध्वजा ऊँची फहरे
अन्याय की जंजीरें टहरे।
शक्ति जागे मानव मन में,
उत्सव लाए आनंद क्षण में।।

(६) शौर्य, बल और सत्य का गान
दशहरा पर्व करे सम्मान।
रावण का दंभ जला जाए,
राम-नाम जगभर छा जाए।।

(७) जीवन पथ आलोकित हो
सत्य-दीप से जग जगमग हो।
हर घर में आशा मुस्काए,
विजय पर्व आशीष दिलाए।।

(८) रावण रूपी दंभ मिटा
राम नाम अमर गगन गा।
सत्य विजय का परचम लहराए,
अन्याय की नींव ढह जाए।।

(९) विजयादशमी का पावन पर्व
जग में लाए नया उत्सव।
आशा-दीप जलाए मन में,
ज्योति भर दे हर जीवन में।।

(१०) अन्याय की राख बने चिंगारी
सत्य जला मशाल हमारी।
हर हृदय में न्याय समाए,
सत्य सदा सम्मान दिलाए।।

(११) धर्म-संस्कार की ध्वजा ऊँची
मर्यादा की परिभाषा सच्ची।
विजयादशमी जग को सिखाए,
सत्य-धर्म का पथ दिखलाए।।

(१२) दशहरा पर्व अमृत संदेश
सत्य रहे हर युग विशेष।
धर्म, शौर्य का गान सुनाए,
प्रकाश-पथ पर जग ले जाए।।

✒️कवि सुरेश पटेल "सुरेश"✒️🌼✒️

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आप सभी मित्रों को कवि
सुरेश पटेल सुरेश की ओर से
बहुत बहुत शुभकामनाएं
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