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आठमें "पे कमीशन" पर सेना की पुकार है। MSP को करो बराबर,हर फौजी का अधिकार है।।

होशियारपुर: 03 अक्टूबर,2025 (बूटा ठाकुर गढ़शंकर)
सातवां पे कमीशन आखरी सांसे ले रहा है, दिसंबर में अंतिम संस्कार हो जायेगा पर अभी तक सरकार द्वारा आठवें पे कमीशन के लिए आयोग का गठन भी नहीं किया गया। बतादें कि हर दस साल बाद नया वेतन आयोग गठित किया जाता है जिसमें रिटायर्ड जज और सेना अधिकारी शामिल होते हैं। करीब 8,9 सौ पन्नों का मसौदा तैयार किया जाता है इसमें सभी तरह के सरकारी गैर सरकारी कर्मचारियों के वेतन वा भत्तों का मूल्यांकन किया जाता है।
सेना की प्रबल मांग है कि आठवें पे कमीशन में इस बार सेना की MSP को लेकर सभी विसंगतियां दूर की जाएं चूंकि MSP के नियम हर जवान पर लागू होते हैं, हर किसी को बराबर जोखिम उठाना पड़ता है,हर जवान संवेदनशील खतरों का सामना करता है, हर कोई अपने परिवार से दूर रहता है। इस लिए इसे रैंक के आधार पर लागू करना बिल्कुल वाजिब नहीं है। इस लिए वेतन आयोग नियुक्ति की संभावी टीम से सेना से जुड़े सभी लोगों का विनम्र निवेदन है कि वे सेना की सेवाओं को सर्वोत्तम मानते हुए आठवें पे कमीशन में उनके वेतन, भत्तों को सर्वोत्तम स्थान दे और बहु चर्चित MSP मुद्दे को बराबरता का चोला पहनाए। आठवें वेतन आयोग वा सरकार को बड़ी जिम्मेदारी से स्पष्ट किया जाता है कि इस बार सेना से संबंधित सभी लोग आठवें पे कमीशन की विसंगतियों को सहन करने के मूड में बिल्कुल नहीं है।

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