
खेतों में धान की पराली जलाने वाले किसानों को चेतावनी, बेहतर उपज के लिए जलाएं नहीं
धान की कटाई का मौसम शुरू हो गया है। अगली फसल की तैयारी में कुछ किसानों ने अपने खेतों में धान की पराली जलाना शुरू कर दिया है। इससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, बल्कि उपजाऊ भूमि को भी नुकसान पहुँच रहा है। सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि खेतों में पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद, कुछ किसान अभी भी पराली जला रहे हैं।
पर्यावरण और मिट्टी को होने वाले नुकसान को देखते हुए, प्रशासन ने किसानों को अपने खेतों में पराली न जलाने की चेतावनी दी है। प्रशासन की चेतावनी के बावजूद, जनपद संभल के मोहम्मदपुर गाँव के किसान धान की कटाई के बाद बची पराली के बड़े-बड़े ढेरों में आग लगाते देखे गए, जिससे शाम होते ही पूरा इलाका अंधेरे में डूब गया। हालांकि, चेतावनियों का पालन न करने वालों पर पराली जलाने के लिए जुर्माना, एफआईआर और अन्य कठोर कार्रवाई की जा सकती है।
खेतों में पराली का प्रबंधन कैसे करें
धान की कटाई के बाद, किसानों को अगली फसल के लिए अपने खेतों की सिंचाई करनी चाहिए। खेतों में पानी और नमी बनाए रखने से पराली 15 दिनों के भीतर सड़ जाएगी और प्राकृतिक खाद में बदल जाएगी।