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ईट भट्टों के प्रदूषण व अवैध खनन से सूख रहे रहे बाग, कैसे मिले ऑक्सीजन

ईट भट्टों के प्रदूषण व अवैध खनन से सूख रहे रहे बाग, कैसे मिले ऑक्सीजन
 ▪️ हरे भरे पेड़ों के सूखने से धरातल पर ऑक्सीजन की हो गई है किल्लत
▪️  मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी से शिकायत के बावजूद भी नहीं हुई करवाई
▪️ ऑक्सीजन को लेकर समूचे देश में मचा है हाहाकार
▪️ प्रदूषण विभाग बिना जांच पड़ताल किए ईट व्यवसायियों के प्रभाव में आकर दे देता है एनओसी

बीकापुर(अयोध्या)।
 वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच जहां समूचे देश में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है वहीं दूसरी ओर ईंट व्यवसायियों द्वारा ईट भट्टों की चूड़ियों से निकलने वाला  घातक काला धुआं  एवं  अवैध खनन कराए जाने के चलते  हरी-भरी  बागों के सूखकर नष्ट हो जाने का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसका प्रमुख कारण जिले के प्रदूषण एवं खनन विभाग की ओर से ईट भट्टों के संचालन हेतु आंख मूंदकर एनओसी जारी कर दिया जाना है। 

       ग्रामीणों द्वारा मानक के विपरीत ईट भट्ठा का संचालन करने और प्रदूषण फैलाने की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियो से किए जाने के बावजूद भी मामले में कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हो सकी है।

      बताते चलें कि तहसील क्षेत्र के मोहम्मदपुर के ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उनके गांव के पास मानकों के विपरीत ईट भट्टे का संचालन किया जा रहा है। अवैध खनन भी किया जाता है। ईट भट्ठा से मात्र 100 मीटर की दूरी पर दो बड़ी-बड़ी बाग स्थित है।

ईंट भट्ठे से निकलने वाले धुएं और आग की तपिश से पुश्तैनी बाग में लगे हरे भरे पेड़ सूखकर नष्ट होते जा रहे हैं। मौके पर कई पेड़ सूखे हैं। और पहले भी पेड़ सूख चुके हैं। गांव में पूरी तरह से प्रदूषण फैल रहा है। बाग में रहने वाले पक्षी, जीव जंतुओं के अस्तित्व के लिए भी खतरा पैदा हो रहा है। 
     

 पीड़ित ग्रामीणों ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए ईट भट्टे का संचालन बंद करने की मांग की थी।  ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद भी मामले में किसी भी सक्षम अधिकारी ने मौके तक पहुंचने की जहमत नहीं मोल ली और न ही इस समय ऑक्सीजन की कमी को लेकर लगातार सूख रही बड़ी-बड़ी बागों की तरफ वन विभाग से लेकर प्रदूषण विभाग एवं खनन विभाग ने कोई सार्थक पहल करना ही मुनासिब समझा है।

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