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लोरमी अस्पताल में लापरवाही, महिला की हालत नाजुक – भीम रेजिमेंट ने सौंपा ज्ञापन, 72 घंटे में कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी


लोरमी अस्पताल में लापरवाही, महिला की हालत नाजुक – भीम रेजिमेंट ने सौंपा ज्ञापन, 72 घंटे में कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

लोरमी। शासकीय 50 बिस्तर अस्पताल लोरमी में गंभीर लापरवाही का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार प्रसव पीड़िता महिला के ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर और नर्स की लापरवाही से महिला के गर्भ में काटन कपड़ा (Cotton) छूट गया, जिसकी वजह से महिला को असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ी। महिला की हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल मुंगेली रेफर किया गया, जहाँ उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। बताया जा रहा है कि इस लापरवाही के कारण महिला का एक ही सप्ताह में दो बार ऑपरेशन करना पड़ा, जिससे न केवल महिला की शारीरिक और मानसिक स्थिति खराब हो गई है बल्कि परिवार की आर्थिक स्थिति भी डगमगा गई है।

इस पूरे मामले से आक्रोशित होकर भीम रेजिमेंट छत्तीसगढ़, जिला इकाई मुंगेली ने एसडीएम लोरमी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि जिस प्रकार डॉक्टर, नर्स और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण महिला की जान खतरे में पड़ी, वह अत्यंत निंदनीय और आपराधिक कृत्य है। ज्ञापन में दोषी डॉक्टर, नर्स और संबंधित अस्पताल प्रबंधक के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने की मांग की गई है।

भीम रेजिमेंट के जिला अध्यक्ष प्रमोद कुर्रे ने बताया कि यह घटना सरकारी अस्पतालों की घटती विश्वसनीयता और लापरवाह चिकित्सा प्रणाली का जीता-जागता उदाहरण है। यदि ऐसी घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती है तो आम जनता का भरोसा सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से पूरी तरह उठ जाएगा। उन्होंने कहा कि पीड़ित महिला और उसके परिवार को मानसिक और आर्थिक दोनों तरह की गहरी चोट पहुँची है।

संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि 72 घंटे के भीतर दोषी डॉक्टर, नर्स और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए गए तो भीम रेजिमेंट छत्तीसगढ़ जिला मुंगेली उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा। आंदोलन की जिम्मेदारी प्रशासन और शासन की होगी।

इसके साथ ही ज्ञापन में पीड़ित महिला के बेहतर इलाज की समुचित व्यवस्था कराने की भी मांग की गई है, ताकि महिला को जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ मिल सके।

गौरतलब है कि सरकारी अस्पतालों में इस तरह की लापरवाही की घटनाएँ लगातार सामने आती रही हैं, लेकिन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होने से इन पर रोक नहीं लग पा रही है। अब देखना होगा कि इस मामले में जिला प्रशासन क्या रुख अपनाता है और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाता है।

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