दर्द ऐ देवरिया............ किसानी
हम भारत के एक जिम्मेदार नागरिक होते हुए कुछ किसानों का फोटो शेयर कर रहे हैं और आज इन सभी किसानों का दर्द बयां करते हैं ।
यह उन सभी छोटे-बड़े किसानों की दास्तां है जिन्हें हम अन्नदाता का दर्जा देते हैं एक किसान जब फसल लगा देता है तो अपने सारे अरमान खेतों में लगा देता है अपनी फसल को उगाने के लिए पैसा बैंक से उधारी रिश्तेदारों से उधारी करके बेहतर फसल उगाने में लगा जाता है ।जब उसे खेतों में पानी की जरूरत होती है तब बरसात नहीं होती है पानी डीजल पंप सेट विद्युत मोटर से सिंचाई करता है और ज्योही सिंचाई का काम खत्म होता है जोड़ों की बरसात तेज हवाएं हर साल चलती है जो लगातार 6 7 सालो से यही कारनामा चल रहा है।और इस तरह किसान हर साल पूरी तरह बर्बाद हो जाता है और अंत में किसान अपने भाग्य को कोसते हुए कुदरत का कहर समझ कर सर पकड़ कर खेतों में रोने लगता है ।
इसलिए हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम सरकार को इन किसानों के प्रति ध्यान केंद्रित करने के लिए अग्रसारित हो।
जय जवान, जय किसान, जय हिंद