
जालंधर सड़क हादसे में बरसठी के हरद्वारी गांव का लाल दिव्यांश काल के गाल में समाया, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर
जालंधर सड़क हादसे में बरसठी के हरद्वारी गांव का लाल दिव्यांश काल के गाल में समाया, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर
बरसठी (जौनपुर)। बरसठी ब्लॉक के हरद्वारी गांव सभा में मातम पसरा हुआ है। प्रो. रत्नेश कुमार त्रिपाठी (प्रवक्ता, पीजी कॉलेज मड़ियाहूं) के इकलौते पुत्र दिव्यांश त्रिपाठी (22 वर्ष) का असामयिक निधन पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर गया है। बीटेक की पढ़ाई कर रहे दिव्यांश 1 अक्टूबर को पंजाब के जालंधर में हुए सड़क हादसे में काल के गाल में समा गए।
मूल रूप से मेधावी और तेजस्वी छात्र दिव्यांश ने अपनी शिक्षा की शुरुआत नवोदय विद्यालय से की थी और इसके बाद सेंट जेवियर्स, मड़ियाहूं से इंटर तक की पढ़ाई पूरी की। वर्तमान में वे जालंधर विश्वविद्यालय से बीटेक कर रहे थे। 28 सितंबर को वे गांव से जालंधर गए थे।
हादसा उस समय हुआ जब दो मोटरसाइकिलों पर चार साथी सफर कर रहे थे। एक मोटरसाइकिल पेट्रोल पंप पर तेल भराने के लिए रुकी, वहीं दिव्यांश अपनी मोटरसाइकिल सड़क किनारे खड़ी कर इंतजार कर रहे थे। तभी पीछे से आ रहे ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसा इतना भयावह था कि दिव्यांश की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
यह दुखद खबर मिलते ही हरद्वारी ही नहीं, पूरे बरसठी और आसपास के गांवों में शोक की लहर दौड़ गई। लोगों का हुजूम दिव्यांश के घर उमड़ पड़ा। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता प्रो. रत्नेश त्रिपाठी और परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे लोग भी आंसू रोक नहीं पा रहे थे।
गांव के लोग दिव्यांश को एक होनहार और संस्कारी युवक के रूप में याद कर रहे हैं। उनके असामयिक निधन से परिवार के साथ-साथ पूरा क्षेत्र एक प्रतिभाशाली युवा को खोने का दर्द महसूस कर रहा है।
ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और शिक्षकों ने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोकाकुल परिवार को इस असीम दुख को सहने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
👉 दिव्यांश का यूं जाना न सिर्फ परिवार की अपूरणीय क्षति है, बल्कि पूरे क्षेत्र की प्रतिभा और उम्मीद का बुझ जाना है।