
बिहार राज्य के नालंदा जिला में तीन पहिए बैटरी स्वचालक की मनमानी।
बिहार राज्य में नालन्दा जिले में तीन पहिए बैटरी स्वचालक की अपनी मनमानी कर सवारी से ज्वादा बैटरी स्वचालक रिक्शा जल्द बाजी में न तो दाएं या न तो बाएं देखते है ।साथ ही साथ न कोई कर निर्धारित की गई हो और बिजली की खपत भी ना जाए ढंग से कहीं भी जोड़कर तार से अपना बैटरी चार्ज कर लेते हैं और दिनभर 24 घंटा रिक्शा को दौड़ाया करता है।
और इसे 18 वर्ष से नीचे और 55 या 60 वर्ष से ऊपर के लोग इसे ज्यादा चलाते हैं जिनको चालक का कोई भी ज्ञान नहीं है ऐसी स्थिति में आए दिन सवारी से लड़ाई झगड़ा का माहौल पूरे बाजार में बना रहता है।
इस स्थिति में इन तीन पहिए रिक्शा चालक का ड्राइवरी लाइसेंस भी नहीं रहता और अपनी मनमानी ढंग से सड़कों को जाम करके रखते हैं यातायात कानून का उल्लंघन करते हैं और यातायात संरक्षक भी इसे पैसा वसूली करते रहते हैं इन सारी बातों को गंभीरता से रखते हुए या नहीं तो ई रिक्शा चालक की ड्राइवरी लाइसेंस जरूरी करें या ई रिक्शा को पूरी तरह से निरस्त करें क्योंकि ना ही यह सरकारी जीएसटी टैक्स परिवहन विभाग को लाभ है यह सिर्फ सरकारी परिवहन विभाग को चूना लगाने वाला एक अलग से विभाग बना हुआ है जिस पर कार्रवाई होना अति आवश्यक है। इनका जमावड़ा किसी मंडी में चौक चौराहा पर धड़ले से जाम किया रहता है इसका कोई भी कर टैक्स सरकार को नहीं लगता और कमर्शियल वाहन को चूना लगाने में एक बहुत बड़ी विडंबना ई रिक्शा है इसे तुरंत बाजार से जप्त कर दिया जाए सरकारी विभाग परिवहन विभाग को नुकसान करने से बचाया जाए।