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साईं मियां मीर फाउंडेशन के दलजीत सिंह भाई जी ने लड़की की शादी के लिए जरूरतमंदों को मिठाई उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ली।

साईं मियां मीर फाउंडेशन के दलजीत सिंह भाई जी ने लड़की की शादी के लिए जरूरतमंदों को मिठाई उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ली।

जब भगवान ने हमारी गोद में एक अन्य जरूरतमंद परिवार की बेटी की शादी की सेवा का जिम्मा सौंपा।

रात करीब 9 बजे मुझे फोन आया, "क्या आप साईं मियां मीर फाउंडेशन के दलजीत सिंह बोल रहे हैं?"

मैंने कहा "जी..

भैया, बड़ी मुश्किल से आपका नंबर मिला। हमारे मोहल्ले में एक गरीब परिवार की बेटी की कल शादी है। किसी ने मुझे पैसे देने की कोशिश की थी, लेकिन उसने तुरंत जवाब दे दिया। लड़की के माता-पिता बहुत परेशान हुए और हमें आने को कहा।

आप आखिरी उम्मीद हैं..

मैंने कहा, "मैं आपके किस काम आ सकता हूं?"

भैया, मुझे 20-25 लोगों की शादी का सारा इंतजाम करना है।

मैंने कहा, "भैया, आपने घरवालों से कहा था कि चिंता मत करो, भगवान बेटियों-बहनों का ख्याल रखते हैं। जो भी खरीदना हो, दुकान पर जाकर स्कैनर दे देना, पेमेंट हो जाएगा।"

"मेरे बगल में खड़े सज्जन ने शादी के लिए मिठाई का भुगतान किया।"

फोन पर व्यक्ति ने कहा, "आप कल समय निकालकर भाई मर्दाना मेमोरियल हॉल में अपनी बेटी को आशीर्वाद देने अवश्य आएं।"

आज जब मैं घर से निकलने लगा तो मेरी मां ने एक लिफाफे में दो सूट डालकर मुझे दे दिए और कहा कि मैं खाली हाथ नहीं जाऊंगा..!
जब बेटी का आनंद कारज आया, तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। "भाई, तुम तो हमारे लिए भगवान हो गए हो।"
लड़की की माँ कहने लगी...!
"नहीं बहन, मैं तो दासी हूँ। गुरु महाराज स्वयं बेटियों की दीक्षा के नियम बनाते हैं। और कुछ चाहिए हो तो बताइए...?"
मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब मुझे पता चला कि हमारे नगर संगठन ने इस परिवार से बिना किसी रियायत के हॉल का किराया वसूल लिया है, ग्रंथी सिंह महाराज के रूमाल के लिए 1600 रुपये, प्रमाण पत्र के लिए 500 रुपये और आनंद कार्य के लिए अलग से पैसे मांगने लगे। जब मैंने बाबा जी से निवेदन किया कि इस परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, तो बाबा जी कहने लगे कि बेशक यह परिवार बहुत गरीब है। लेकिन यह सब समिति के हाथ में है, मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।
इसलिए मैंने इस बारे में समिति के अध्यक्ष को फोन किया, लेकिन उस सज्जन ने मेरा फोन उठाना उचित नहीं समझा।
मैं भरे मन से बाबा जी से विनती करते हुए लौटा कि वे परिवार से कोई पैसा न लें, बस मुझे फोन कर दें, मैं सारा भुगतान कर दूंगा।
मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि ऐसी संस्थाओं को आशीर्वाद दें और मेरे पंजाब की बेटियों के दिलों को खुशियों और आनंद से भर दें...
दलजीत सिंह महालम
सेवा प्रदाता:- साई मियां मीर फाउंडेशन

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