
*भारतीय सेना की खड़गा कोर ने मेरठ में ग्रे ज़ोन युद्ध पर संगोष्ठी का आयोजन किया*
मनोज शर्मा, चंडीगढ़। भारतीय सेना की पश्चिमी कमान की खड़गा कोर ने मेरठ में पाइन संगोष्ठी नामक एक संगोष्ठी का आयोजन किया,जिसमें पाकिस्तान की समकालीन रणनीतियों,कथानक निर्माण और ग्रे ज़ोन गतिविधियों पर विचार-विमर्श किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के लिए एक प्रभावी सैन्य प्रतिक्रिया रणनीति तैयार करना था। इसका उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पुष्कर,एवीएसएम,वीएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग,खड़गा कोर ने किया ।अपने बीज वक्तव्य में,उन्होंने अस्थिर भू-राजनीतिक परिवेश और चल रहे संघर्षों के मद्देनजर,संगोष्ठी के दौरान चर्चा किए जाने वाले मुद्दों के महत्व पर ज़ोर दिया।
इस संगोष्ठी में 500 से अधिक अधिकारियों ने व्यक्तिगत और ऑनलाइन माध्यम से और सुभारती विश्वविद्यालय के 150 छात्रों ने भी भाग लिया। सम्मेलन के प्रमुख सत्रों में पाकिस्तान की रणनीतिक संस्कृति के विकास,उसके द्वारा छद्म युद्ध,दुष्प्रचार और हाइब्रिड युद्ध के उपयोग पर चर्चा की गई। लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला (सेवानिवृत्त),राजदूत विवेक काटजू,श्री तिलक देवाशेर,डॉ. शालिनी चावला,ब्रिगेडियर एचवी सिंह,वीएसएम,कैप्टन (आईएन)आलोक बंसल (सेवानिवृत्त),डॉ. अजय डी.बेहरा,मेजर गौरव आर्य (सेवानिवृत्त), लेफ्टिनेंट कर्नल पवित्रन राजन (सेवानिवृत्त),संदीप उन्नीथन,सुशांत सरीन और डॉ. मनप्रीत सेठी सहित विशिष्ट वक्ताओं ने पाकिस्तान के सैन्य सिद्धांत और परमाणु हथियारों से लेकर भारत के जवाबी उपायों और भविष्य की युद्धक्षेत्र चुनौतियों तक के मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
संगोष्ठी के दौरान विभिन्न चर्चा सत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता,ड्रोन,साइबर युद्ध के प्रभाव और राष्ट्रीय हितों की रक्षा में रणनीतिक संदेश और धारणा प्रबंधन के महत्व पर भी चर्चा हुई।
संगोष्ठी का समापन करते हुए मेजर जनरल भारत मेहतानी,जीओसी पाइन डिवीजन ने हाइब्रिड खतरों के खिलाफ लचीलापन सुनिश्चित करते हुए भारत द्वारा सभी क्षेत्रों में बढ़ते प्रभुत्व को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने भारत की दीर्घकालिक सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए विश्वसनीय निवारण,लचीले प्रतिक्रिया ढांचे और एकीकृत राष्ट्रीय प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया।