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त्रिमुहानी मिर्जापुर का सप्तमी का ऐतिहासिक भरत मिलाप – आस्था, एकता और परंपरा का अद्भुत संगम

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद स्थित त्रिमुहानी में मनाया जाने वाला सप्तमी का भरत मिलाप एक प्राचीन और ऐतिहासिक पर्व है, जो भक्ति, प्रेम और भाईचारे का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह आयोजन हर वर्ष कार्तिक की सप्तमी तिथि को बड़े धूमधाम से संपन्न होता है।

किंवदंती है कि यह पर्व भगवान श्रीराम के वनवास से लौटने पर भाई भरत से भावनात्मक मिलन की याद में मनाया जाता है। इस दिन त्रिमुहानी का पूरा क्षेत्र दीपों, सजावटों और धार्मिक ध्वनियों से गूंज उठता है। हजारों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

शोभायात्रा में राम, लक्ष्मण, सीता और भरत की झांकियां निकाली जाती हैं, जो भक्तों को अयोध्या के उस पवित्र मिलन की झलक दिखाती हैं। जब श्रीराम और भरत का मिलन होता है, तो वातावरण “जय श्रीराम” और “जय भरत” के नारों से गूंज उठता है।

त्रिमुहानी का सप्तमी भरत मिलाप न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सद्भाव, एकता और भारतीय संस्कृति की महान परंपरा का भी जीवंत प्रमाण है, जो आज भी पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ निभाई जा रही है।

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