logo

"मध्यप्रदेश की पत्रकारिता गुलामी की बेड़ियों में "

"मध्यप्रदेश की पत्रकारिता गुलामी की बेड़ियों में "
वैसे तो मध्यप्रदेश ही नहीं पूरे देश में निम्न एवं मध्यम वर्ग के समाज के पुरुषों के साथ जातिगत भेदभाव,शोषण, मारपीट, अमानवीय कृत्य के साथ साथ हत्याएं हो रही हैं, तो वहीं इस वर्ग की बेटियों के साथ आए दिन बलात्कार एवं हत्याएं हो रही हैं , किन्तु प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में इनकी खबरें बहुत ही कम एकाद समाचार एजेंसी/पत्रकार बंधु ही दिखाते हैं, वरना वह भी नहीं दिखाते, ऐसा नहीं है कि इन वर्गों के न्यूज एजेंसियां, पत्रकार या डिजिटल प्लेटफॉर्म नहीं हैं, हैं किन्तु इस वर्ग के पत्रकार और न्यूज एजेंसियां भी लगता है गुलाम हो गयीं हैं, वरना प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया समाज का दर्पण है ,जिसे समाज के सामने लाना ही चाहिए, क्योंकि यही प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया का धर्म है, किन्तु आज की प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया अधिकतर दलाली ही करती नजर आ रही है।हम काफी दिनों से देख रहे हैं कि प्रदेश में अभी हाल ही में निम्न एवं मध्यम वर्ग के समाज में अनेक अमानवीय घटनाएं घटित हुई हैं, किन्तु अधिकतर प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया मूकदर्शक बनी हुई है।वह इस संबंध में एक भी शब्द नहीं बोल पा रही है क्यों? मीडिया समाज का मार्ग प्रशस्त करती है, किन्तु आज की मीडिया समाज को नरक की ओर ले जा रही है, क्योंकि धार्मिक अंधविश्वास एवं पाखंड की खबरों से फुर्सत मिले तभी तो सामाजिक जीवन में घटित घटनाओं को अपनी खबर बनाएंगे और इससे उन्हें समय ही नहीं मिलता। पत्रकारिता समाज का चौथा स्तंभ माना गया है, किन्तु यह समाज को भ्रमित खबरें दिखाकर रसातल की ओर ले जा रही है, जिससे समाज को नई दिशा नई मिल रही है। उदाहरण के लिए मध्यप्रदेश के कटनी जिले के तमाम न्यूज एजेंसियों, पत्रकारों, डिजिटल प्लेटफॉर्मों ने मेरे खिलाफ धर्म की आड़ लेकर प्रोपोगेंडा चलाया था, लगभग तीन महीने लगातार कटनी जिले में,अब कटनी जिले की प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया मूक और बधिर हो चुकी है क्या?जो एससी, एसटी, ओबीसी एवं मध्यम, तथा गरीबों पर हो रहे अत्याचारों को दिखाने में शर्म आ रही है।मेरा लिखना किसी प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया को नीचा दिखाना कतई नहीं है, हमारा यह उद्देश्य है कि आप सभी समाज में हो रहे अत्याचारों को जरूर दिखाएं, दलाली मत करो।
"सच को सच कहने का उदघोष है पत्रकारिता,
समाज का दर्पण है कि मार्गदर्शक है पत्रकारिता।
देश में निम्न एवं मध्यम वर्ग के कुछ गिनती के ही न्यूज चैनल, एजेंसियां, पत्रकार हैं ,वे भी बहुत ही कम दिखाते उनके ऊपर हुए अत्याचारों को, जब आप लोग ही नहीं दिखाओगे तो, दूसरे वर्ग से आने वाले प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया को दिखाने की क्या आवश्यकता पड़ी है।
हम आशा करते हैं कि मध्यप्रदेश ही नहीं,पूरे देश के तमाम न्यूज चैनल, एजेंसियां, पत्रकार, यूट्यूबरों भारतीय समाज में घटित होने वाली घटनाएं को अवश्य दिखाएं, क्योंकि इन्हीं की बदौलत आप सभी का यह कारोबार चल रहा है, इसलिए समाज को रसातल की ओर मत ले जाओ।यह खबरें सिर्फ सोसल मीडिया में ही आ रही हैं, आपके द्वारा कम प्रसारित की जा रहीं हैं। कृपया प्रमुख ख़बरों को अपने न्यूज चैनल, एजेंसियां, पत्रकार, यूट्यूबरों स्थान जरूर दें, जिससे समाज अवगत होता रहे यही हमारी आशा है। धन्यवाद


50
4126 views