logo

नगर के शासकीय आदर्श महाविद्यालय मे प्रारंभ होगा विकास का द्वितीय चरण

बड़वानी**----[2 करोड़ 23 लाख रुपए की राशि बाउंड्री वॉल एवं अन्य सिविल कार्यों हेतु हुई स्वीकृत] ---आदर्श महाविद्यालय बड़वानी के प्राचार्य डॉ. प्रमोद पंडित ने जानकारी देते हुए बताया कि बड़वानी के समीपस्थ ग्राम करी स्थित शा. आदर्श महाविद्यालय विकास के द्वितीय चरण में प्रवेश कर रहा है। उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन भोपाल महाविद्यालय द्वारा निर्माण एजेंसी पी.डब्लू डी.भवन के माध्यम से प्रेषित निर्माण के तकनीकी प्रस्ताव को प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति का प्रदान करते हुए 2 करोड़ 23 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। महाविद्यालय को लगभग 10 एकड़ की जमीन है ,जिसमें से 85% भूमि उँची पहाड़ी रूप में है । ।इस राशि से निम्नांकित कार्य संपन्न किया जाना प्रस्तावित है-------- *1-समस्त परिसर के आसपास बाउंड्री वॉल। 2-भवन की छत का ग्रेडिंग एवं वॉटरप्रूफ का कार्य । 3-जल निकास हेतु उचित प्रबंधन। 4-प्रवेश हेतु महाविद्यालय का एंट्री गेट। 5- आंतरिक मार्गों का निर्माण। 6- उपलब्ध समतल भूमि पर खेल मैदान का विकास। 7-आंतरिक मार्गों का निर्माण। 8- परिसर के अंदर खुले स्थान का पेवरिंग कार्य 9- गार्डन का निर्माण इत्यादि* कार्य तकनीकी प्रस्ताव में शामिल किए गए थे जिन्हें स्वीकृति प्राप्त हुई है। प्राचार्य डॉ.पंडित ने बताया कि ये सभी कार्य निर्माण एजेंसी के माध्यम से संपन्न होंगे। महाविद्यालय द्वारा निर्माण एजेंसी को शीघ्र पत्र प्रेषित कर कार्यों को प्रारंभ करने हेतु अनुरोध किया गया है। महाविद्यालय के नोडल अधिकारी डॉ. अनिल पाटीदार ने कहा कि बाउंड्री वॉल के निर्माण से महाविद्यालय परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी एवं अवैध अतिक्रमण पर पूर्णतया रोक लगेगी। साथ अन्य निर्माण कार्यों से विद्यार्थियों को और सुविधाए उपलब्ध होगी और परिसर विकसित हो सकेगा। डॉ. पंडित ने कहा कि महाविद्यालय के विकास के लिए राशि स्वीकृत करवाने में बड़वानी नगर के माननीय सांसदों एवं सभी जनप्रतिनिधियों का सतत मार्गदर्शन एवं सहयोग निरंतर रहा है, उसी का परिणाम है कि शासन और विभाग ने महाविद्यालय को विकास कार्यों हेतु राशि स्वीकृत है। प्रवेश के नोडल अधिकारी डॉ. दिनेश पाटीदार ने बताया कि वर्तमान में महाविद्यालय में चार संकाय संचालित है जिसमें नई शिक्षा नीति के अनुरूप लगभग 700 विद्यार्थी अध्यनरत है। प्राचार्य डॉ. पंडित ने इस बात को भी रेखांकित किया कि वर्तमान में महाविद्यालय प्राध्यापकों एवं तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है जिससे व्यवस्थाओं में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है ; इसलिए उन्होंने विभाग को सतत रूप से अवगत भी करवाया है।

20
1185 views