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कर्बला मोड़ से एम्स तक जलजमाव की मार — विकास के नाम पर जनता बेहाल


नाला बनने के बावजूद जल निकासी ठप, मरीजों और आम लोगों को हर साल भारी परेशानी; अधिकारियों की अनदेखी से बढ़ी मुश्किलें

पटना के कर्बला मोड़ से एम्स तक का इलाका हर वर्ष बरसात के मौसम में जलजमाव की गंभीर समस्या से जूझता है। जैसे ही तेज बारिश होती है, यह सड़क तालाब में बदल जाती है। कीचड़ और गंदे पानी के कारण राहगीरों का गुजरना मुश्किल हो जाता है। खासतौर पर एम्स जाने वाले मरीजों और एंबुलेंस को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने जल निकासी की समस्या दूर करने के लिए नाला तो बनवाया, लेकिन उसकी नियमित सफाई और रखरखाव नहीं किया जाता। नाले में कचरा और गाद भर जाने से पानी का बहाव रुक जाता है, जिससे पूरे इलाके में जलभराव की स्थिति बन जाती है। बरसात खत्म होने के बाद भी गंदा पानी कई दिनों तक सड़कों पर जमा रहता है, जिससे मच्छरों का प्रकोप और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

लोगों का आरोप है कि विकास कार्य केवल कागजों पर ही दिख रहा है। सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। एम्स जैसी बड़ी स्वास्थ्य सुविधा तक पहुंचने के लिए जहां लोगों को राहत मिलनी चाहिए थी, वहीं जलजमाव ने इस मार्ग को परेशानी का प्रतीक बना दिया है।

जनता अब प्रशासन से मांग कर रही है कि नाले की नियमित सफाई, सड़क की मरम्मत और स्थायी जल निकासी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि आने वाले बरसात के मौसम में उन्हें इस कठिनाई का सामना न करना पड़े। विकास का असली अर्थ तभी पूरा होगा जब जनता को उसकी बुनियादी सुविधाएं वास्तव में मिलें।

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