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देव दीपावली कों हजारों लोग लगाये गे गंगा घाट पर दीपक

दीपावली के करीब 15 दिन बाद मनाई जाने वाली देव दीपावली का इंतजार हर साल भक्तों को रहता है। इसे देवताओं की दिवाली भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध किया था और देवताओं को विजय दिलाई थी। इसी कारण यह पर्व भगवान शिव की महिमा और विजय के रूप में मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर माना जाता है कि देवता स्वयं काशी (वाराणसी) में उतरकर दीप जलाते हैं और गंगा घाटों पर दिवाली मनाते हैं। इसी वजह से वाराणसी में इस दिन का विशेष महत्व है। संध्या के समय गंगा किनारे लाखों दीपों की रोशनी से पूरा शहर जगमगा उठता है। घाटों पर भव्य गंगा आरती, दीपदान, धार्मिक जुलूस और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।

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