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उत्तर प्रदेश में चार दिन नहीं होगी कोई रजिस्ट्री, जमीन-मकान की खरीद-फरोख्त पर लगा ब्रेक,

उत्तर प्रदेश: निबंधन विभाग के मुताबिक अभी विभाग का ऑनलाइन पोर्टल NIC के मेघराज क्लाउड सर्वर पर चल रहा है. इसे नेशनल गवर्नमेंट सर्विसेज पोर्टल (NGC) पर ट्रांसफर किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश में 8 नवम्बर से 11 नवम्बर तक किसी भी जमीन-मकान-फ़्लैट या दुकान की कोई रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी. सभी 75 जिलों रजिस्ट्री का काम इन चार दिनों में पूरी तरह बंद रहेगा. IG निबंधन नेहा शर्मा ने सभी जिलों को पत्र जारी कर सूचना दी है. स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल को अपग्रेड किया जा रहा है, जिस कारण कोई भी खरीद-बेच नहीं हो सकेगी.पत्र के मुताबिक पोर्टल को नए सर्वर पर शिफ्ट किया जाएगा, जिससे भविष्य में डिजिटल डाटा एक जगह उपलब्ध रहेगा. इन चार दिनों में लोगों की समस्या को देखते हुए 12 से अपने-अपने अपॉइंटमेंट लेने की सलाह दी गयी है. इस प्रक्रिया में लाखों लोग प्रभावित होंगे.

क्यों चार दिन नहीं होगी रजिस्ट्री ?

दरअसल उत्तर प्रदेश निबंधन विभाग के मुताबिक अभी विभाग का ऑनलाइन पोर्टल NIC के मेघराज क्लाउड सर्वर पर चल रहा है. इसे नेशनल गवर्नमेंट सर्विसेज पोर्टल (NGC) पर ट्रांसफर किया जा रहा है. इससे डेटा की सुरक्षा के साथ ही तेजी और पारदर्शिता भी बढ़ेगी. इसलिए चार दिन पूरी तारक रजिस्ट्री का कम 75 जिलों में बंद कर डेटा ट्रांसफर किया जाएगा. इसे भविष्य के हिसाब से तैयार किया गया है. चार दिन भले ही लोगों को असुविधा होगी, लेकिन फिर प्रक्रिया और तेज होगी.

क्या-क्या नहीं होगा इन चार दिनों में ?

8 नवम्बर से 11 नवम्बर तक न ही किसी जमीन की फिजिकल रजिस्ट्री हो सकेगी, इसके साथ ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी नहीं होगे, कोई अन्य सर्टिफिकेट भी नहीं मिल पाएंगे. न ही कोई स्टेटस चेक हो सकेगा. 12 नवम्बर मंगलवार को सभी सेवाएँ बहाल हो जाएंगी. लोगों की सुविधा के लिए रजिस्ट्री ऑफिस में कर्मचारियों से जानकारी लेकर अपनी सहूलियत से अपॉइंटमेंट ले सकते हैं.

डिजिटल ट्रांजेक्शन मजबूत होगा इस बारे में सभी 75 जिलों के लिए IG नेहा शर्मा ने पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस दौरान कोई भी रजिस्ट्री न की जाए और संबंधित दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जाए. इस कदम से भविष्य में डिजिटल ट्रांजेक्शन और मजबूत होगा.

बता दें कि आबादी के लिहाज उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है, यहां रोजाना लाखों रजिस्ट्रियां होती हैं. नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, जैसे शहरों में रियल एस्टेट के बड़ा कारोबार भी प्रभावित होगा.

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