
सांसों के आपातकाल से रहना होगा सावधान : डॉ. ग्लैडबिन त्यागी
रिपोर्ट- अक्षय माहेश्वरी
नई दिल्ली
दिल्ली में वायु की गुणवत्ता लगातार “अति खराब” श्रेणी में बनी हुई है। हवा में धूल, धुआँ और विषाक्त गैसों की बढ़ती मात्रा ने सांस के मरीजों के लिए हालात गंभीर बना दिए हैं। स्वामी दयानंद अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं स्वांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. ग्लैडबिन त्यागी ने नागरिकों से इस “सांसों के आपातकाल” में विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है
डॉ. त्यागी ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में अस्थमा, एलर्जी और फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित लोगों, बुजुर्गों तथा बच्चों को अत्यंत सावधान रहने की आवश्यकता है। प्रदूषित हवा सीधे फेफड़ों को प्रभावित कर सकती है और पुरानी बीमारियों को बढ़ा सकती है।
उन्होंने लोगों से कुछ महत्वपूर्ण सावधानियाँ अपनाने का आग्रह किया —
सुबह और शाम की सैर को बंद करें, घर में ही योग या हल्का व्यायाम करें।
बाहर निकलते समय एन-95 या समकक्ष गुणवत्ता वाला मास्क अवश्य पहनें।
घर की खिड़कियाँ और दरवाजे जब तक संभव हो बंद रखें ताकि प्रदूषण भीतर न जाए।
ताजे फल, हरी सब्जियाँ और पौष्टिक भोजन का सेवन करें ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
अस्थमा या एलर्जी के मरीज अपनी दवाइयाँ नियमित रूप से लेते रहें और चिकित्सक से परामर्श करें।
बच्चों को धूल, मिट्टी और धुएँ के संपर्क से यथासंभव बचाएँ।
डॉ. त्यागी ने कहा कि यह “सांसों का आपातकाल” हमारी सावधानी और जागरूकता से ही टाला जा सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे स्वयं भी सतर्क रहें और दूसरों को भी प्रदूषण से बचाव के लिए जागरूक करें।
डॉ. ग्लैडबिन त्यागी,
स्वांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ,
मुख्य चिकित्सा अधिकारी, स्वामी दयानंद अस्पताल, दिल्ली