
नगवां ब्लॉक में अवैध झोला छाप डॉक्टरों की भरमार, स्वाथ्य विभाग मेहरबान
वैनी से खलियारी तक दर्जनों से अधिक अवैध क्लीनिक
नगवां /सोनभद्र। जनपद सोनभद्र उत्तर प्रदेश के अति पिछड़ा जिला माना जाता है इसी जिले के पहाड़ी अंचलों में बसा नगवां ब्लॉक जो नक्सल प्रभावित अति पिछड़ा ब्लॉक है जहां की अधिकतर जनता अशिक्षित व गरीब है इस ब्लॉक में वैनी और खलियारी मार्केट है इन बाजारों में गरीब जनता के आर्थिक शोषण केलिए वैनी से खलियारी तक दर्जनों से अधिक अवैध क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं इस प्रकार के झोला छाप डॉक्टर न केवल यहां की जनता का आर्थिक शोषण करते है बल्कि कइयों को अपनी जान भी गवानी पड़ती है ऐसे में पूरा परिवार जन और धन की हानि से बर्बाद हो जाता है और उनके बच्चे पढ़ लिख नहीं पाते हैं।
वैनी मार्केट से खलियारी तक दर्जनों क्लीनिक के साथ ही दर्जनों पैथोलॉजी सेंटर भी चल रहे हैं इन जांच घरों में कोई विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होते नही पंजीकृत होते है इन सबके पीछे कही न कही स्वास्थ्य विभाग का संरक्षण प्राप्त होता है। जीरो टार्लेंस की नीति पर चलने वाली प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार भले ही लाख दावे करे लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है झोला छाप डॉक्टरों द्वारा जनहानि के साथ गरीबों का आर्थिक शोषण धड़ल्ले से हो रहा है।
खलियारी बाजार जो बिहार राज्य से सटा हुआ है और ब्लॉक के अधिकतर पहाड़ी क्षेत्रों के लोग इलाज कराने आते है इस बाजार में भी कई क्लीनिक संचालित है जो गरीब जनता के जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर उनका आर्थिक शोषण कर रही है स्वास्थ्य विभाग मौन है ।
वैनी मार्केट में ऐसे दो क्लीनिक है जो छोटे नन्हे बच्चों का इलाज करते हैं ये अप्रशिक्षित डॉक्टर जिनकी कोई डिग्री न तो पंजीकृत हैं मासूमों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे है एक चर्चित क्लीनिक वैनी स्थित पेट्रोल पंप के बगल में संचालित होती है दूसरी क्लीनिक वैनी सरई गढ़ मार्ग में हनुमान मंदिर के बगल में लाल बाल के नाम से संचालित है । सूत्रों ने बताया कि एक डॉक्टर तो इतना प्रभावशाली है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के नाम पर आती है तो अन्य झोला छाप डॉक्टर क्लीनिक छोड़ कर फरार हो जाते है लेकिन पेट्रोल पंप के बगल में स्थित क्लीनिक चलती रहती है सूत्रों का मानना है कि स्वास्थ्य विभाग को ये सब क्लीनिक एक निश्चित धनराशि हर महीने सावस्थ्य विभाग को देते है और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने की खुली छूट दे देते है।
लोगों का कहना है कि आखिर कब तक ये झोला छाप डॉक्टरों के गलत इलाज और आर्थिक शोषण करते रहेंगे क्या स्वास्थ्य विभाग इन झोला छाप डॉक्टरों पर कोई कार्यवाही करेगा या मेहरबानी करेगा जो भी स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं आए दिन निजी क्लीनिकों में मौतें हो रही है और स्वास्थ्य विभाग कुंभकर्णी निद्रा में लीन है। सरकार हास्पिट में भी प्रायबेट पैथोलॉजी वाले अपना बर्चस्व कायम किए हुए हैं
क्षेत्रवासियों ने जिलाधिकारी सोनभद्र का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अवैध झोला छाप डॉक्टरों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है।