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बाबा रामदेव जी के भक्त दरगा मेघवाल कि भक्ति कि हकिकत इतिहास जरगा जी बावजी अमर नाम किया

जरगाजी बावजी का इतिहास बहुत ही रोचक और प्रेरणादायक है! वे एक महान संत और मेघवंशी थे, जिन्होंने अपने जीवन को भगवान की भक्ति में समर्पित कर दिया था।

जरगाजी का जन्म लगभग 2000 साल पूर्व गायफल, उदयपुर (राजस्थान) में एक मेघवाल परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम पदमोजी और पोनीबाई था। जरगाजी की शादी काकरवा (कुम्भलगढ़) में तय हुई थी, लेकिन उन्होंने शादी से इनकार कर दिया और घर-बार छोड़कर अलख-धणी की तपस्या में निकल गए

जरगाजी ने विक्रम संवत 113 में अलख-धणी को प्रसन्न किया और वरदान मांगने को कहा। उन्होंने कहा, "धाम धणियो की और नाम जरगा मांगा"। यानी वे भगवान का नाम और उनका धाम चाहते थे।

आज भी, जरगाजी की पूजा और सम्मान किया जाता है, और उनके मंदिर अरावली पर्वत श्रृंखला में स्थित हैं। जरगाजी की कहानी हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने और भगवान की भक्ति में समर्पित होने की प्रेरणा देती हैनया थान जरगा जी बावजी के स्थान पर शबरी माता भील मन्दिर धुनी किशन भील महाराज ने बताया बात किया पुरा इतिहास पता चला पता चलने पर हकिकत पता चली वहा अधिक लोगों व भक्तों की भीड़ थी सुरत गुजरात से ललित प्रजापत कमोल से भेरू लाल जी हरि ओम जादूगर की ने दर्शन किए

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