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हरिद्वार में आयोजित होगा वैदिक रामानुज वार्षिकी सम्मान समारोह, देशभर के साहित्यकारों, संपादकों और कलाकारों को किया जाएगा सम्मानित

हरिद्वार। वैदिक प्रकाशन द्वारा इस वर्ष का “वैदिक रामानुज वार्षिकी सम्मान समारोह” आगामी 7 दिसंबर 2025 को हरिद्वार, उत्तराखंड में भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन देशभर के उन साहित्यकारों, कवियों, संपादकों और कलाकारों को समर्पित है जिन्होंने सृजन और संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। इस अवसर पर विभिन्न श्रेणियों में सम्मान प्रदान किए जाएंगे, जिनमें लेखन, संपादन, एकल पुस्तक प्रकाशन, कला, संगीत और सांस्कृतिक सृजन से जुड़ी उपलब्धियों को विशेष रूप से मान्यता दी जाएगी। समारोह का उद्देश्य साहित्य, कला और भारतीय परंपरा से जुड़े रचनाकारों को प्रोत्साहित करना और उन्हें एक साझा मंच पर सम्मानित करना है। आयोजन समिति के अनुसार, इस वर्ष सम्मान समारोह में देश के विभिन्न राज्यों से चयनित लगभग 60 प्रतिष्ठित साहित्यकार, कवि और कलाकार भाग लेंगे। समारोह में भाग लेने वाले सदस्यों को मंच पर सम्मान चिन्ह, अंगवस्त्र, मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर वैदिक परिवार द्वारा सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम के अंतर्गत साहित्यिक विमोचन सत्र भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें हाल ही में प्रकाशित पुस्तकों का लोकार्पण एवं विमोचन वैदिक प्रकाशन के सौजन्य से किया जाएगा। इस अवसर पर देश के वरिष्ठ साहित्यकारों और संपादकों की उपस्थिति में फोटो और वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी ताकि यह पल स्मृति के रूप में सहेजा जा सके। वैदिक प्रकाशन के प्रबंधक मंडल ने बताया कि यह समारोह साहित्य, संस्कृति और अध्यात्म के संगम नगरी हरिद्वार में आयोजित किया जा रहा है, जहाँ देश के कोने-कोने से प्रतिभाएँ एकत्रित होकर अपने अनुभव और रचनात्मक विचार साझा करेंगी। आयोजन का उद्देश्य रचनाकारों को सम्मानित करने के साथ-साथ एक ऐसे मंच की स्थापना करना है जो नई पीढ़ी को साहित्यिक अभिव्यक्ति के लिए प्रेरित करे। आयोजन समिति ने यह भी बताया कि जो साहित्यकार या कलाकार किसी कारणवश समारोह में उपस्थित नहीं हो पाएंगे, उनके सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह डाक माध्यम से भिजवाए जाएंगे ताकि किसी भी प्रतिभा का सम्मान अधूरा न रहे। समारोह में देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों, कवियों, गायक-कलाकारों और संपादकों की उपस्थिति की संभावना है। कार्यक्रम के दौरान साहित्यिक परिचर्चा, सांस्कृतिक प्रस्तुति और प्रेरणादायक वक्तव्यों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और वैदिक परंपरा की गरिमा को पुनः स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा।

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