सामाजिक सद्भाव को लेकर हुई बैठक
अंजड।सामाजिक सद्भाव को लेकर नगर अंजड़ में सभी समाज के अध्यक्षों की और उनके प्रतिनिधियों की बैठक संपन्न बैठक को मध्य प्रांत संयोजक डॉक्टर राम प्रसाद पांडे ने संबोधित कियाउन्होंने अपने उद्बोधन ने कहा कि हिंदू समाज काफी मजबूत है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से हिंदू समाज अपना विश्वास खोने लगा इस विश्वास को हमें पुनः समाज के अंदर स्थापित करना है और खोए विश्वास को पुनः जगाना है यह हम सबका कर्तव्य हैहिंदू सनातन संस्कृति में व्यवस्थाओं के दृष्टिकोण से हम अलग अलग नमो से जानने पहचान लगे वैसे तो सनातनी ही सारे इस देश में रहने वाले सभी सनातनी ऋषि मुनियों की गोत्र से जाने और पहचाने जाते हैं हमारे सभी समाज ऋषि मुनियों की संतान हैसभी की आत्मा जीवात्मा है और ईश्वर आत्मीय प्रेम से प्रकट होता हेअलग अलग समय में अलग अलग नमो से हम ने अपनी पहचान बनाईदुनिया में समस्त ज्ञान धर्म सनातन से शुरू हुईहम कितने प्राचीन है हम जम्मू दीप भारतवर्ष आर्या वर्तांतर्गत हम संकल्प में बोलते जरूर हे लेकिन मानते नही है जानते नहीं हमारी पूजा में जो संकल्प है उसे समझने की जरूरत हे आजहम केवल अपना ही कल्याण नहीं करते हमारी संस्कृति हमारी सोच पूरे विश्व का कल्याण करने वाली प्राणी मात्र का कल्याण करने के लिए हमारी प्रार्थना भी है और हमारे कर्तव्य भी हैं और हम इसी पर आगे बढ़ रहे हैंवर्ण व्यस्था के अनुसार कार्य करने का जो मूल भाव में जाते है तो ऋषि बन जाते हे हम ऋषि की संतान हैवर्ण व्यवस्था को हम अपनी जाती वयवस्था के नाम से जाने जाने लगे यही से संकट की शुरुआत होती है इसकी शुरुआत मुगल काल में जाती वर्ण व्यवस्था के रूप से नाम से मुगलों कर द्वारा चालू की गई थी बाल विवाह सती व्यवस्था मुगलों के आक्रमण और सनातन के चरित्र महिलाओं की इज्जत को बचाने के लिए सती प्रथा की शुरुआत हुई थीमुगलों के साथ अंग्रेजों ने भी इसके अंदर आंग में घी डालने का काम कर और पूरे समाज को जातिवाद में बांट दिया कालांतर में उसे छुआ छूत का नाम दिया गयाजब मुस्लिम शासक ने देखा कि हिंदू राजाओं की सेना में अलग-अलग चूल्हे जल रहे हैं अलग-अलग भोजन बना रहे हैं एक साथ बैठकर भोजन नहीं कर सकते हैं वह देश की रक्षा कैसे कर पाएंगे जो अलग अलग है वो समाज कभी विजय को प्राप्त नही हो सकता हेअपने उद्बोधन में डॉ राम प्रसाद पांडे प्रांतीय संयोजक मालवा प्रांत ने कहा कि आज सनातन को बचाने के लिए हमें कई प्रकार से काम करने की जरूरत हैं1 सामाजिक समरसता2 सामाजिक सद्भाव3 कुटुंब प्रबोधन4 पर्यावरण संरक्षण5 स्व का भावइन्हीं सब बातों का हमें चिंतन करना चाहिए और इन्हीं बातों पर चिंतन के साथ पूरे हिंदू समाज ने काम भी करना चाहिएतभी हमारा लक्ष्य पूर्ण हो पाएगा डा रामप्रसाद पांडे ने कहा कि जो सनातन के विरोध में काम कर रहे हैं उनका एजेंडा तो फिक्स है हमें उनके एजेंट के विरुद्ध एक बड़ी शक्ति के रूप में अपने आप को तैयार करना है इसी के लिए यह समरसता का कार्यक्रम रखा गया है कि समाज के अंदर समरसता बनी रहे और एकता बनी रहे ताकि आने वाली किसी भी समस्या का हम एक जुटता के साथ सामना कर हम उसे पर विजय पा सकेइस अवसर पर नगर अंजड़ के सभी समाजों के अध्यक्ष और उनके प्रतिनिधि बड़ी संख्या के अंदर उपस्थित हुए यह कार्यक्रम अन्नपूर्णा भवन के अंदर रखा गया कार्यक्रम के अंदर शानदार गीत का आयोजन किया गया कार्यक्रम के अंत में स्वल्पाहार का आयोजन किया गया