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जन सुनवाई पोर्टल में जन समस्याओं का निस्तारण बना मजाक प्रदेश में जिला हर बार आता अब्बल


जाखलौंन ललितपुर
कस्बे में कई वर्षों पूर्व गौ वंश आश्रय स्थल का कई लाख रुपए खर्च कर निर्माण कर दिया गया था। जिसका रास्ता न होने,खेतों से घिरे होने और जंगल में होने के कारण उपयोग नहीं किया जा रहा था।आवारा गौ वंश के द्वारा फसलों को चर लेने और सड़क पर एकत्रित होने से आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के चलते जन सुनवाई पोर्टल पर कई बार शिकायतें करने के बाद गौ शाला प्रारंभ नहीं हो सकी।
शिकायत कर्ता सुरेश कौंते ने दिनांक 19 अगस्त को संदर्भ संख्या40016725013115 में जन सुनवाई पोर्टल में शिकायत दर्ज करवाई कि बिना रास्ता के इक्कीस लाख बारह हजार चार सौ एक रुपयों की लागत से गौ शाला का निर्माण वर्ष 2022 में किया गया। जिसमें न तो चारे भूसे के भंडारण का कोई स्थान है न उनके पानी पीने के लिए कोई चरही बनाई गई है।तीन लाख अट्ठानवे हजार दो सौ सात रुपए के सोलर पैनल गायब हैं उपयोग न होने के कारण तार फेंसिंग की बाड़ भी पूरी नहीं है।जिसकी जांच एडीओ (आईएसबी) विकास खंड बिरधा ने की।तथा गौ वंश आश्रय स्थल का उपयोग होना नहीं पाया गया।
खंड विकास अधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को प्रेषित पत्रांक 1824/4 दिनांक 15 अक्टू02025 में स्वीकार किया कि 120 वर्गमीटर में टिन शेड बना है,तार बाड़ी टूटी हुई है,सोलर पैनल नही है,चारा भूसा रखने का कोई स्थान तथा पानी पीने की चरही नहीं है आश्रय स्थल क्रिया शील नहीं है।जबकि इसके पूर्व 02सित02025 की शिकायत के संदर्भ में पत्रांक1457/4 में मुख्य विकास अधिकारी को गलत जानकारी देकर अवगत कराया कि चरही बनी है।इस तरह झूठी जानकारियां देकर जन सुनवाई पोर्टल को मजाक बना रहे हैं।
कई शिकायतों के बाद न तो गौवंश आश्रय स्थल के लिए अधिकृत मार्ग बनाया गया है, न चारा भूसा रखने के लिए कोई स्थान है, न गौ वंश को पानी पिलाने के लिए चरही बनी है।सोलर पैनल भी मौके पर नहीं है। इन आवश्यकताओं को पूरा किए बिना कैसे निर्माण कार्य को पूर्ण कर दिया।यदि एस्टीमेट में बिना सभी कामों के पूरा हुए भुगतान कर दिया गया तो दोषी कौन? और यदि बिना सोलर पैनल,भूसा चारे के स्टोर रूम और चरही के गौ वंश आश्रय स्थल बनाया गया तो आश्रय स्थल में क्या गौ वंश भूखे प्यासे मरने के लिए रखे जाने थे।
जनसुनवाई में सिर्फ कागजी खाना पूर्ति की गई कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकले।

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