हरियाणा की 2 नगर निगम अमान्य, जानें किस वजह से नहीं मिल रही कानूनी मान्यता
हरियाणा के अंबाला और सोनीपत नगर निगमों के मेयर उपचुनावों को आयोजित हुए 8 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक इन्हें वैधानिक मान्यता नहीं मिल सकी है। अंबाला नगर निगम की मेयर शैलजा सचदेवा और सोनीपत के मेयर राजीव जैन को 12 मार्च 2025 को हुए उपचुनाव में विजयी घोषित किया गया था, मगर कानूनी पेचीदगियों के चलते उनके पदों पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता एवं नगरपालिका कानून विशेषज्ञ हेमंत कुमार ने बताया कि हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने इस वर्ष फरवरी-मार्च में प्रदेश के 36 नगर निकायों के साथ-साथ अंबाला और सोनीपत नगर निगमों के मेयर पदों के लिए उपचुनाव कराए थे। हालांकि, हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 13(1)(G) के अनुसार, रिक्त हुई मेयर सीट पर उपचुनाव कराने का कोई प्रावधान नहीं है।कानून विशेषज्ञ हेमंत कुमार के अनुसार, नवंबर 2020 में राज्य विधानसभा ने संशोधन कर स्पष्ट किया था कि यह धारा मेयर पद पर लागू नहीं होगी। इसका अर्थ यह है कि यदि किसी कारणवश मेयर पद रिक्त होता है, तो राज्य निर्वाचन आयोग उपचुनाव नहीं करा सकता, जब तक कानून में पुनः संशोधन न किया जाए। इस कानूनी जटिलता के चलते दोनों नगर निगमों के उपचुनाव अब तक वैधानिक रूप से मान्य नहीं माने जा रहे हैं।