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मनरेगा कानून में मुख्य प्रावधान निम्नलिखित हैं यह सख्ती से लागू करने होंगे

(MGNREGA) — मुख्य प्रावधान और बच्चों की देखभाल

1. मनरेगा कानून के प्रमुख प्रावधान:

मनरेगा (MGNREGA) — महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 — ग्रामीण क्षेत्रों में कम-कुशल मेहनतकशों को न्यूनतम 100 दिन का वेतन-काम गारंटी देता है।

ग्राम पंचायत (GP) योजनाओं की योजना और काम का चयन करती है।

ठेकेदारों और श्रम-दबाने वाली बड़ी मशीनों (labor-displacing machinery) पर पाबंदी है — ताकि स्थानीय मजदूरों को प्रत्यक्ष रोजगार मिले।

यदि किसी को आवेदन के बाद 15 दिनों के भीतर काम नहीं मिल पाता है, तो वह “अनुपल्ब्धता भत्ता” (unemployment allowance) पाने के हकदार हैं।

मजदूरी: काम करने पर न्यूनतम मजदूरी देनी होती है, और भुगतान समयबद्ध होना चाहिए।

मजदूरों के काम के स्थल पर सेफ्टी सुविधाएँ होनी चाहिए — जैसे पीने का पानी, छाया, प्राथमिक इलाज (फर्स्ट-एड)।

सामाजिक ऑडिट की व्यवस्था है: ग्राम पंचायत स्तर पर छह महीने में कम-से-कम एक बार कामों का सोशल ऑडिट होना चाहिए।


2. बच्चों को संभालने (Child-care) के लिए प्रावधान:

अगर किसी महिला के साथ उसके 6 साल से कम उम्र के पांच या अधिक बच्चे काम स्थल पर आते हैं, तो उस जगह एक महिला को बच्चों की देखभाल करने के लिए तैनात करना चाहिए।

जिसे नियुक्त किया जाए, उसे मजदूरी की दर (wage rate) पर भुगतान किया जाना चाहिए।

बच्चों की सुरक्षा के लिए — यदि कोई दुर्घटना होती है, तो उन्हें मुफ्त चिकित्सा (मेडिकल ट्रीटमेंट) मिलना चाहिए, और गम्भीर चोट या मृत्यु में राज्य सरकार एक्स-ग्रैटिया (ex-gratia) भुगतान कर सकती है।

काम की जगह पर भेदभाव नहीं होना चाहिए — लिंग के आधार पर समान मजदूरी होनी चाहिए।

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