
प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा एवं पद्धति विषय पर संगोष्ठी का आयोजन
नायला (जयपुर) श्री विनायक ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स में बाल दिवस के अवसर पर प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा और पद्धति की वर्तमान में प्रासंगिकता विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। संगोष्ठी में अनेक उपविषयों पर भी विशेषज्ञों तथा विद्यार्थियों द्वारा विस्तृत चर्चा एवं मंथन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। प्रारंभिक सत्र में संगोष्ठी समन्वयक डॉ. संगीता शर्मा ने विषय की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य विभिन्न विभागों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रति अनुसंधानशीलता विकसित करना और उन्हें यह अहसास कराना है कि आने वाली पीढ़ियों तक इस समृद्ध परंपरा को सुरक्षित रखना उनकी जिम्मेदारी है। संगोष्ठी में विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता करते हुए अपने अनुसंधानपरक विचार प्रस्तुत किए। इनमें शांतनु शर्मा, कोमल शर्मा, पूजा कच्छावा, अशोक सैन, हिमांशु मीणा, ज्योति शर्मा, प्रियांशी मीणा और वैशाली हरियाणवी के प्रयास विशेष रूप से सराहनीय रहे। कार्यक्रम के प्रेरणात्मक सत्र में कृषि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप कुमार ने संस्कारोन्मुखी संस्कृति के महत्व और पारंपरिक कृषि पद्धतियों की उपादेयता पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को भारतीय जीवन मूल्य एवं कृषि परंपराओं को संरक्षित रखने के लिए प्रेरित किया। संगोष्ठी की अध्यक्ष डॉ. मंजु मीणा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में भारतीय ज्ञान-विज्ञान की वर्तमान समय में उपयोगिता पर विस्तृत विचार रखे। उन्होंने भारतीय शिक्षा, समाज और संस्कृति की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए विद्यार्थी अनुशासन, गुरु–शिष्य परंपरा तथा पारस्परिक विश्वास की महत्ता पर बल दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में संगोष्ठी से प्रभावित साक्षी शर्मा ने शिक्षा से वंचित बच्चों के अधिकारों की रक्षा हेतु जागरूकता बढ़ाने और उन्हें शिक्षित करने की शपथ दिलाई। अंत में प्रवक्ता मनोज कुमार शर्मा ने सभी अतिथियों, विद्वानों एवं विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।