अखलाक के हतेयारो बचा कौन और किस लिए??
क्या कानून और कोर्ट नाम के रह गए हैं, क्या लोक तंत्र भी खतम हो चुका है, एक मुख्यमंत्री कोर्ट और कानून से उपर हो गए हैं, क्या सेकुलर लोगों की ज़ुबानों पर ताले लग गए हैं, क्या एक समुदाय विशेष के कोई भी गुंडा कुछ भी करे कोई भी कुछ पूछ ने वाला नही, सीधे लफ़्ज़ों में कहें तो कानून मर गया है, वहाँ पर सरकार ने अपने लोग बैठा दिए हैं जो सरकार के मन मुताबिक फैसले सुनाए???