
रजक (धोबी) समुदाय के सामाजिक-आर्थिक उत्थान हेतु “रजक कल्याण आयोग” के गठन की मांग
बाड़ी, धौलपुर | 17 नवंबर 2025
राजस्थान में रजक (धोबी) समुदाय के लिए एक राज्य स्तरीय “रजक कल्याण आयोग” के गठन की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र कुमार दिवाकर (बाड़ी) ने माननीय मुख्यमंत्री को विस्तृत प्रस्ताव भेजा है।
श्री दिवाकर ने बताया कि रजक समाज एक ऐतिहासिक एवं सेवाभावी समुदाय है, लेकिन आज भी यह सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़ेपन का सामना कर रहा है। इस समाज की समस्याओं, योजनाओं, कौशल विकास, आधुनिक वॉशिंग यूनिट, शिक्षा और स्वरोज़गार को लेकर कोई समर्पित सरकारी संस्था मौजूद नहीं है।
इसी आवश्यकता को देखते हुए राज्य सरकार से एक सशक्त, वैधानिक “रजक कल्याण आयोग” के गठन की मांग की गई है।
🔹 प्रस्ताव के मुख्य बिंदु:
रजक समाज की समस्याओं का अध्ययन एवं समाधान
धोबी घाटों का निर्माण-आधुनिकीकरण
शिक्षा, स्कॉलरशिप और कोचिंग योजनाओं का विस्तार
वॉशिंग यूनिट, ड्राई-क्लीनिंग प्लांट जैसी आधुनिक तकनीकों के लिए वित्तीय सहायता
सरकारी योजनाओं की निगरानी व समाज तक सीधी पहुँच
कौशल विकास केंद्रों की स्थापना
समाज के प्रतिनिधियों को आयोग में शामिल करने का प्रस्ताव
🔹 प्रस्तावित आयोग की संरचना:
राज्य स्तरीय वैधानिक आयोग
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 6 सदस्य (रजक समाज से)
एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एवं विशेषज्ञ सलाहकार समिति
🔹 बजट प्रस्ताव:
आयोग के संचालन हेतु प्रशासनिक बजट
वार्षिक योजना बजट
प्रशिक्षण व स्वरोज़गार के लिए विशेष निधि
🔹 सरकार के नाम प्रमुख मांग:
1. “रजक (धोबी) कल्याण आयोग” का गठन शीघ्र किया जाए।
2. आयोग हेतु पृथक बजट, कार्यालय व स्टाफ स्वीकृत किए जाएँ।
3. समाज के उत्थान से जुड़े मामलों पर आयोग को परामर्श व मॉनिटरिंग का अधिकार दिया जाए।
सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र कुमार दिवाकर का कहना है कि
“रजक समाज सदियों से सेवा करता आया है, अब समय है कि सरकार इस समुदाय को सम्मान और विकास के नए अवसर प्रदान करे।”
यह प्रस्ताव राज्य में लाखों रजक परिवारों के लिए शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।