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फोटो में दिखाई दे रहे ये दोनों इजरायली दंपति है

फोटो में दिखाई दे रहे ये दोनों इजरायली दंपति है ...
कुछ दिन पूर्व ये तुर्की की यात्रा में थे। जहाँ ये एर्दोगन याने राष्ट्रपति आवास के आगे फोटोग्राफी कर रहे थे। इस फोटोग्राफी के दौरान इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया ये कह कर कि ये जासूस है और इजराइल के लिए जासूसी कर रहे हैं। कुछ फोटोग्राफ्स भी बरामद हुए इनके यहाँ से।
अब जासूस का ठप्पा लग जाने पे मालूम है न आगे परिणाम क्या होता है सो ?? और वो भी उन दो देशों के बीच की जासूसी जो एक दूसरे के जानी दुश्मन हो!!
इन दोनों दंपतियों को अलग-अलग रखा गया जहां कैसा सलूक किया गया होगा अब इनके बयानों से साफ पता कर सकते हैं। ये कभी सोचे भी नहीं थे अब ये यहाँ से जिंदा निकल पाएंगे। या तो कम से कम 30 साल की कैद या सीधे फांसी।

खबर बाहर आनी थी सो आई... लेकिन जब जासूसी का मामला हो तो ये बहुत बड़ी बात हो जाती है। लिंकिंग के लिए इनके पास कोई विकल्प भी नहीं था मतलब तुर्की और इजरायल के बीच कोई अम्बेसडर नहीं है मतलब कोई दूतावास नहीं जहाँ इनकी बात पहुँचती और कुछ मदद हो पाता।
तो बात सीधे इजरायल के पीएम तक पहुँची... और पीएम बेनेट ने तत्काल एक्शन लिया... फॉरेन मिनिस्टर से ले के मोसाद चीफ तक इसमें लग गए। पीएम बेनेट ने डाइरेक्ट फोन पे एर्दोगन से बात की।
और बात क्या हुई होगी और कैसे हुई होगी इसका इस बात से अंदाजा लगाइए कि आनन फानन में सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई और इजरायल द्वारा भेजे गए दो स्पेशल अधिकारियों के साथ प्राइवेट जेट वहां जा पहुँचा और फिर उन दंपति को वहाँ से इजराइल वापिस लाया गया।
जब दोनों पति-पति मिले तो उनके मिलने की खुशी आप फ़ोटो में देख सकते हैं।
जब ये घर पहुंचे तो पीएम बेनेट और फॉरेन मिनिस्टर याइर लापीड फोन पे बात करके उनके घर वापसी पे बधाई दिए।

बताते चलें कि ये दंपति पेशे से ड्राईवर हैं,जो एक कंपनी के लिए काम करते हैं।

एक मामूली ड्राईवर के लिए पूरा देश का सिस्टम लग जाता है छुड़ाने के लिए और छुड़ा के ही दम लेता है।
ये होती है नागरिक के प्रति देश जज्बा, उसे बचाने का जज्बा। ऐसे ही कोई इजरायल नहीं बन जाता है। एक-एक जान की कीमत उन्हें पता है। और अगर इनके एक की जान गई तो फिर इन्हें हजार की भी परवाह नहीं चाहे सामने वाला कोई कितना भी बड़ा भेटनर क्यों न हो।

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