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दुबई के अल मकतूम एयरपोर्ट का आसमान आज उस समय सन्नाटे में डूब गया, जब भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एक प्रदर्शन उड़ान के दौरान अचानक नीचे आया

दुबई के अल मकतूम एयरपोर्ट का आसमान आज उस समय सन्नाटे में डूब गया, जब भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एक प्रदर्शन उड़ान के दौरान अचानक नीचे आया और देखते ही देखते आग के भयंकर गुबार में खो गया। कुछ ही पल पहले हजारों दर्शक उसकी आकाश चीरती गति और कलाबाज़ियों पर तालियाँ बजा रहे थे, लेकिन अगले ही क्षण वही आसमान एक दर्दनाक हादसे का साक्षी बन गया।

दुनिया भर के रक्षा विशेषज्ञों, तकनीकी दलों और दर्शकों की भीड़ में अचानक अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षा वाहन दौड़ पड़े, आग बुझाने की कोशिशें शुरू हुईं, लेकिन धुएँ की लपटों के बीच बस एक ही सवाल तैरता रहा क्या पायलट सुरक्षित है?

शुरुआती रिपोर्टों ने सबकी उम्मीदें कम कर दीं। कहा जा रहा है कि पायलट विमान से सुरक्षित बाहर नहीं निकल पाए।
उनके साहस, कौशल और कर्तव्य-निष्ठा को प्रणाम करते हुए मन भर आता है, क्योंकि हर उड़ान सिर्फ तकनीक नहीं होती, बल्कि उसमें किसी का जीवन, किसी परिवार की उम्मीदें और एक देश का गौरव शामिल होता है।

तेजस भारत का अभिमान है। देश की वर्षों की तकनीकी यात्रा, वैज्ञानिकों की रातों की मेहनत और वायुसेना के विश्वास का प्रतीक। विदेश की ज़मीन पर उसकी यह दुर्घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक गहरी पीड़ा है, जिसे हर भारतीय महसूस करेगा।

सोशल मीडिया पर तुरंत फैली अफवाहों तेल रिसाव, तकनीकी त्रुटियाँ को भारत सरकार ने खारिज कर दिया। पर सच यह है कि हादसों की वजहें बाद में सामने आती हैं, पर जो ज़िंदगी चली जाती है, वह लौटकर नहीं आती।

आज का दिन याद दिलाता है कि आकाश की ऊँचाइयाँ जितनी सुंदर दिखती हैं, उतनी ही जोखिम भरी भी होती हैं।
हर वर्दीधारी पायलट सिर्फ मशीन नहीं उड़ाता वह अपने साथ एक देश का झंडा, उसकी प्रतिष्ठा, उसका सपना लेकर उड़ता है।

दुबई की उस रनवे पर भले ही तेजस की एक उड़ान असमय थम गई, पर पायलट का साहस, उसका सपना और उसका त्याग हमेशा अमर रहेगा।

ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और परिवार को इस असहनीय दुख को सहने की शक्ति मिले।

जय हिंद 🙏

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