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अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी ने लहराया भगवा ध्‍वज

अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी ने लहराया भगवा ध्‍वज
अयोध्या: सदियों से जिस पल का इंतजार था, आज वह पूर्णता को प्राप्‍त हो गया। अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया। मंगलवार को शुभ मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्‍वज फहरा दिया। तीन किलो वजनी इस ध्‍वज को प्रधानमंत्री ने रिमोट के जरिये मंदिर के शिखर पर लहराया। भव्‍य समारोह के दौरान मंदिर प्रांगण 'जय श्री राम' के नारों से गुंजायमान हो उठा। मौजूद साधु-संतों और विशिष्‍ट मेहमानों ने करतल ध्‍वनि में तालियां बजाकर अपनी प्रसन्‍नता का इजहार किया। इस नयनाभिराम दृश्‍य को देखकर उनकी आंखें छलक उठीं।
साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने बताया ऐतिहासिक क्षण
25 नवंबर को होने वाले ध्‍वजारोहण समारोह की तैयारियों महीने भर से चल रही थी। इस मौके पर पूरी अयोध्या नगरी आध्यात्मिक उत्साह और भक्ति में डूबी नजर आई। साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में विशेष पूजा-अर्चना की।
यह क्षण घोर तपस्‍या के बाद आया है: स्वामी नरोत्तमानंद गिरि
भोर होते ही गलियों, घाटों और मंदिरों में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। रायबरेली के डलमऊ से आए स्वामी नरोत्तमानंद गिरि ने कहा- यह अत्यंत सौभाग्य का दिन है। यह क्षण घोर तपस्या के बाद आया है और ध्वजारोहण में शामिल होना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है।

95 साल के संत देवेंद्रानंद गिरि भावुक नजर आए
राम मंदिर आंदोलन के शुरुआती दौर से जुड़े 95 वर्षीय संत देवेंद्रानंद गिरि भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि जीवन में इस दिन को देखने की उम्मीद उन्होंने कभी नहीं की थी। इस उम्र में मंदिर का निर्माण पूरा होते देखना मुझे अपार आनंद देता है।
चार दिनों से राम मंदिर में चल रहा था अनुष्‍ठान
राम मंदिर के अंदर पुजारी पिछले चार दिनों से अनुष्ठान कर रहे थे। इस दौरान देश भर से विद्वान और स्थानीय वैदिक विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

सप्‍तमंदिर और शेषावतार मंदिर में भी पीएम मोदी ने झुकाया शीश
इससे पहले सुबह करीब 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सप्तमंदिर गए। उन्‍होंने महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी मंदिर में भी शीश झुकाया। इसके बाद वह शेषावतार मंदिर भी गए। सुबह करीब 11 बजे माता अन्नपूर्णा मंदिर गए।

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