
अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी ने फहराया धर्म ध्वज, RSS प्रमुख मोहन भागवत और CM योगी रहे मौजूद
1. कार्यक्रम का उद्देश्य एवं महत्व
यह ध्वजारोहण (flag-hoisting) समारोह इस मंदिर निर्माण के मुख्य निर्माण-कार्य की पूर्णता का प्रतीक है।
इस झंडे को “धर्म ध्वज” कहा गया है, और इसमें हिन्दू परंपरा के अंतर्गत यह दर्शाया गया है कि धर्म का उत्थान हुआ है।
नरेंद्र मोदी ने कहा- “500 साल की यज्ञ पूरी हुई”, “आज पूरा भारत ‘राम-मय’ है” आदि।
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2. समय-सारणी एवं आयोजन-क्रम
दिनांक: 25 नवंबर 2025।
समारोह का समय मुख्यतः मध्य-दोपहर हुआ। उदाहरण के लिए झंडा लगभग 11:55 AM के आसपास फहराया गया।
प्राचीन मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त) के तहत यह आयोजन तय था।
पहले विभिन्न पूजा-अर्चना एवं दर्शन क्रियाएँ आयोजित हुईं, उसके बाद मुख्य ध्रुव-कार्य हुआ।
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3. मुख्य रस्म-रिवाज एवं झंडे का विवरण
झंडे का विवरण: लगभग 10 फुट ऊँचा × 22 फुट लंबा तिरंगा-केसरिया ध्वज, जिसमें सूर्य, ॐ और कोविदर (कोविडरा) वृक्ष के प्रतीक अंकित हैं।
यह झंडा मंदिर के “शिखर” पर फहराया गया, जो मंदिर-संरचना का शीर्ष-बिंदु है।
रस्म के पहले, प्रधानमंत्री व अन्य वरिष्ठ उपस्थित लोगों ने पहले मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना की।
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4. उपस्थित गणमान्य लोग व आम-उपस्थित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि थे।
मोहन भागवत (आरएसएस प्रमुख) भी उपस्थित थे।
योगी आदित्यनाथ (उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री) ने भी संबोधन किया।
आमंत्रितों की संख्या अनुमानित रूप से लगभग 6,000 थी।
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5. सुरक्षा-तैयारी व आयोजन व्यवस्था
आयोजन स्थल एवं आसपास को हाई-सिक्योरिटी जोन घोषित किया गया था।
आम दर्शन के लिए सीमित प्रवेश व्यवस्था थी; आम जनता को कार्यक्रम-सामय से पहले या बाद में दर्शन-व्यवस्था की गई थी।
मंदिर परिसर व शहर में सजावट-कार्य, फूल-कुँवारी आदि बड़ी मात्रा में किये गए थे।
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6. प्रतीक-आधारित एवं भाव-व्याख्या
झंडे में अंकित सूर्य → सौरवंशीय राम-परिवार का प्रतीक। ॐ → ब्रह्मांडीय ध्वनि, कोविदर वृक्ष → जीवन व संस्कृति का प्रतीक।
प्रधानमंत्री के शब्दों में: “यह झंडा सिर्फ ध्वज नहीं, पुनरुत्थान का प्रतीक है।”
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7. दर्शनीय कार्यक्रम के बाद की स्थिति व आगे की बातें
इस ध्वजारोहण के साथ मंदिर निर्माण-कार्य का एक बड़ा पड़ाव पूरा हुआ माना गया।
आगे दर्शन- व्यवस्था, तीर्थयात्रियों के आने-जाने, शहर के लोगों के लिए विशेष गतिविधियाँ होंगी।
आम नागरिकों को सोमवार-मंगलवार तक आने-जाने के लिए सूचनाएं जारी थीं।