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बिहार में 33 हज़ार बहाली का बिगुल: स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव

✍️ हरिदयाल तिवारी

बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देने की कवायद तेज़ हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विभाग का कार्यभार संभालते ही यह स्पष्ट कर दिया कि राज्य में करीब 33 हज़ार रिक्त पदों पर बहाली जल्द शुरू की जाएगी। यह घोषणा जहां स्वास्थ्य विभाग की मजबूती का संकेत है, वहीं बिहार के युवाओं में रोजगार को लेकर नई उम्मीद भी जगाती है। लंबे समय से डॉक्टरों, नर्सों, तकनीशियनों और सहायक कर्मियों की कमी से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों को इस बहाली से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक मानव-शक्ति की कमी स्वास्थ्य सेवाओं के विकास में एक प्रमुख चुनौती रही है। मंत्री मंगल पांडेय ने स्पष्ट कहा कि विभाग का पहला लक्ष्य अस्पतालों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध कराना है, क्योंकि बेहतर सेवाएँ तभी संभव होंगी जब अस्पतालों में मानव संसाधन पूर्ण हो। 33 हज़ार बहाली के दायरे में डॉक्टर, नर्स, ANM–GNM, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, स्वास्थ्य प्रबंधक और अन्य तकनीकी कर्मियों के पद शामिल होंगे, जिससे राज्य की पूरी स्वास्थ्य संरचना को गति मिलेगी। इस कदम से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएँ मजबूत होने की संभावना है। विशेषज्ञ सेवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी, मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सुधार होगा और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी। युवाओं में भी इस घोषणा को लेकर उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि यह स्वास्थ्य विभाग की अब तक की सबसे बड़ी नियुक्ति प्रक्रियाओं में से एक मानी जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि बहाली शुरू होते ही राज्य में रोजगार के हजारों द्वार खुलेंगे और अस्पतालों की भीड़ कम होने के साथ मरीजों को समय पर उपचार भी मिल सकेगा। कुल मिलाकर, 33 हज़ार पदों पर प्रस्तावित बहाली बिहार को बेहतर, सक्षम और अधिक संवेदनशील स्वास्थ्य व्यवस्था की ओर ले जाने वाली एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है।

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