झारखण्ड राज्य स्थित बोकारो इस्पात नगर स्थित रोड किनारे अवैध कब्जे पर नगर प्रशासन और कोर्ट सख्त... जारी हुआ नोटिस.
अतिक्रमण पर #कोर्ट का एक और #Notice, सख्त हुआ #प्रबन्धन.बोकारो में अतिक्रमण और #अवैध कब्जा आम बात है। इनको हटाने का #अभियान 365 दिन चलता है लेकिन इसके बावजूद इनकी संख्या में कमी नहीं आती। इसका कारण क्या है, इस पर #BSL प्रबन्धन को गंभीरता से विचार करना चाहिए।एक बार फिर एक #कोर्ट का नोटिस बोकारो स्टील #city के सिटी सेंटर के फुटपाथी दुकानदारों के लिए आया है। 30 नवंबर तक अपनी दुकान, गुमटी, #ठेला और अन्य तरह के अवैध निर्माण हटाने का आदेश है। इस तारीख तक न हटाने वालों के खिलाफ इसके बाद प्रबंधन की #बुलडोजर कार्रवाई होगी।#बोकारो स्टील सिटी के सिटी सेंटर क्षेत्र के सभी अवैध निर्माण और कब्जा को हटाने का निर्देश देते हुए 24 नवंबर को एक पब्लिक नोटिस वैसे ही कब्जाधारियों के यहां चिपकाया गया है।एस्टेट कोर्ट के आदेश के अनुसार सभी सड़कों के दोनों ओर और सिटी सेंटर मार्केट के अंदर बिना प्रबंधन के इजाज़त लगाए गए अवैध दुकान, गुमटी, ठेला आदि #अतिक्रमण को हटाने का आदेश है।#बीएसएल प्रबंधन की ओर से यह आदेश 24 नवंबर को वैसे #अतिक्रमणकारियों के यहां चिपका दिया गया है। खबर है कि प्रबंधन ने इस मार्केट में पेड पार्किंग की व्यवस्था हाल ही में शुरू की है। इस व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने में यह अवैध का #कब्जेवाले रुकावट बन रहे हैं।बोकारो इस्पात प्रशासन के इस निर्णय से राजनितिक पार्टियों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया है. जिसमें आम आदमी पार्टी ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. आम आदमी पार्टी के जिला प्रभारी श्री अरविन्द विकाश ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बोकारो इस्पात प्रशासन के ऊपर जानविरोधी कार्य करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा की रोड किनारे सभी दुकानदार विगत 40 वर्षों से भी अधिक समय से अपनी जीविका अर्जित करने के लिए दुकान चला रहे है. जिस व्यवस्था को चालू करने में कहीं ना कहीं BSL प्रशासन पूरी तरह से शामिल है. अगर शामिल नहीं रहती तो यह व्यवस्था चालू ही नहीं होती. अब चूँकि पुरे बोकारो शहर में ऐसे सैंकड़ो दुकान चालू हैं जिनके माध्यम से सैंकड़ो घर अपनी रोजी रोटी चला रहे हैं. इस व्यवस्था के बंद करने से सैकड़ो लोग रोड पर आ जायेंगे. जो गलत है.अलटरनेट व्यवस्था BSL प्रशासन को पहले सभी दुकान के लिए करना चाहिए. अन्यथा एकमात्र साधन आंदोलन करना होगा. सौजन्य: ए वी सोशल न्यूज़ नेटवर्क मीडिया झारखण्ड.