
राष्ट्र ने मनाया संविधान दिवस, स्वतंत्रता सेनानियों एवं विद्वानों को किया गया सादर नमन
आज, 26 नवंबर, के अवसर पर संपूर्ण राष्ट्र ने बड़े उत्साह और सम्मान के साथ संविधान दिवस (Constitution Day) मनाया। यह दिन 1949 में भारतीय संविधान को औपचारिक रूप से अपनाने की याद दिलाता है, जो भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है।
इस अवसर पर, देश के कोने-कोने में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां नागरिकों और नेताओं ने भारतीय संविधान के मूलभूत सिद्धांतों और मूल्यों को याद किया।
महान विभूतियों को श्रद्धांजलि
संविधान दिवस के इस पवित्र मौके पर, भारतीय संविधान के निर्माण से जुड़े महान स्वतंत्रता सेनानियों और विद्वानों को सादर नमन किया गया। वक्ताओं ने संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. बी.आर. अम्बेडकर और अन्य प्रमुख सदस्यों के अतुलनीय योगदान को याद किया, जिनके दूरदर्शी प्रयासों ने देश को विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान दिया।
वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि यह देश के न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों का जीवित प्रतीक है।
नागरिकों का संकल्प
इस दिन देशवासियों ने संविधान की प्रस्तावना (Preamble) का पाठ किया और संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। नागरिकों ने संविधान के सिद्धांतों की रक्षा करने और देश की एकता व अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लिया।
प्रेषक: विश्वकर्मा सिंह